Manual Seeder Machine: खेती में अब नया जमाना आ गया है, और मैनुअल सीडर मशीन छोटे किसानों के लिए किसी जादू की छड़ी से कम नहीं। ये छोटा सा यंत्र 6 से 9 हजार रुपये में मिल जाता है, और इससे धान, गेहूं, मक्का, चना, उड़द, मूंग, सरसों जैसी ढेर सारी फसलों की बुवाई करना बच्चों का खेल हो जाता है। पुराने तरीके से हाथ से बीज बोने में वक्त लगता था, और दूरी भी बराबर नहीं रहती थी।
लेकिन इस मैनुअल सीडर से बुवाई एकदम सीधी लाइन में, सही गहराई और दूरी पर होती है। इससे फसल अच्छी जमती है, और पैदावार भी बढ़िया मिलती है। छोटे किसानों के लिए ये कम लागत में मुनाफा बढ़ाने का शानदार तरीका है।
ट्रैक्टर की जरूरत नहीं, बस हाथ से चलाएँ
बड़ी खेती के लिए सीड ड्रिल होती है, जो ट्रैक्टर से चलती है और बीज को सही जगह बोती है। लेकिन ये महंगी होती है, और छोटे किसानों के लिए इसे खरीदना या चलाना आसान नहीं। मैनुअल सीडर इसकी जगह लेता है। इसे चलाने के लिए न ट्रैक्टर चाहिए, न बड़ी मशीन। किसान भाई खुद इसे हाथ से खेत में चला सकते हैं। ये दो तरह का आता है—सिंगल ड्रम और डबल ड्रम। सिंगल ड्रम वाला एक लाइन में बीज बोता है, और इसकी कीमत 6 से 7 हजार रुपये है। डबल ड्रम वाला दो लाइनों में बुवाई करता है, और ये 8 से 9 हजार रुपये का मिलता है। दोनों ही सस्ते और काम के हैं।
कैसे काम करता है मैनुअल सीडर
इस यंत्र में एक या दो बॉक्स होते हैं, जिसमें बीज डाले जाते हैं। इसके नीचे अलग-अलग साइज के छेद वाले सीडर लगे होते हैं, जिन्हें फसल के हिसाब से बदला जा सकता है। पीछे एक छोटा रोलर होता है, जो बीज बोने के बाद नाली को ढक देता है, ताकि बीज अच्छे से जम जाएँ। दो लोहे के पाइप और ऊपर एक हैंडल होता है, जिसे पकड़कर खेत में चलाना आसान है। ये सीधी लाइनों में सही दूरी और गहराई पर बीज डालता है। डबल ड्रम वाला तेजी से काम निपटाता है, क्योंकि एक बार में दो लाइनें बनती हैं। छोटे खेतों के लिए ये बिल्कुल सही है।
कौन-कौन सी फसलें बो सकते हैं
मैनुअल सीडर से आप ढेर सारी फसलें बो सकते हैं। धान, गेहूं, मक्का, चना, उड़द, मूंग, अरहर, मसूर, सरसों—सब इसके लिए फिट हैं। बस बीज के साइज के हिसाब से सीडर बदल लें। ये यंत्र खेत में मेहनत और वक्त दोनों बचाता है। पुराने तरीके से बुवाई में बीज बर्बाद होते थे, और पौधे एक-दूसरे से सटकर उगते थे। लेकिन इससे हर बीज को सही जगह मिलती है, जिससे फसल की ग्रोथ बढ़िया होती है। छोटे किसानों को कम खर्च में अच्छी पैदावार चाहिए, तो ये उनके लिए वरदान है।
फायदा और देखभाल
इसकी कीमत कम है, और ये सालों चलता है। ट्रैक्टर या बिजली की जरूरत नहीं, तो खर्चा भी बचता है। बस इसे इस्तेमाल के बाद साफ कर लें, ताकि बीज के छेद बंद न हों। खेत में बोने से पहले मिट्टी को हल्का जोत लें और खरपतवार हटा दें। थोड़ी सी मेहनत से ये यंत्र आपकी खेती को आसान और मुनाफेदार बना देगा। मार्च-अप्रैल में जब खेत थोड़ा खाली हो, तो सब्जियाँ या दूसरी फसलें बोने के लिए भी इसे आजमा सकते हैं।
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