अप्रैल महीने में कौन-कौन सी साग की खेती करें, 40 दिन में ही होगा बम्पर मुनाफा

Saag ki kheti kaise karen : अप्रैल का महीना आते ही गर्मी बढ़ने लगती है, मगर इस मौसम में भी कुछ साग की फसलें उगाई जा सकती हैं, जो कम वक्त में तैयार हो जाएँ और खाने-बेचने दोनों में काम आएँ। ये साग न सिर्फ सेहत के लिए अच्छे होते हैं, बल्कि बाज़ार में भी इनकी माँग रहती है। आपके खेत में थोड़ी मेहनत से इन्हें उगाकर आप अच्छा फायदा ले सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि अप्रैल में कौन-कौन सी साग की खेती कर सकते हैं और कैसे करें।

चौलाई का साग उगाएं

अप्रैल में चौलाई का साग उगाना बड़ा आसान है। ये गर्मी को झेल लेता है और जल्दी तैयार हो जाता है। खेत में ऐसी जगह चुनें जहाँ धूप अच्छी पड़ती हो। मिट्टी को जोतकर उसमें थोड़ी गोबर की खाद मिला दें, फिर चौलाई के बीज हल्के हाथ से बिखेर दें। ऊपर से पतली मिट्टी की परत डालकर पानी छिड़क दें। 20-25 दिन में इसके पत्ते तोड़ने लायक हो जाते हैं। गाँव में लोग इसे साग बनाकर मक्के की रोटी के साथ बड़े चाव से खाते हैं। बाज़ार में भी इसकी हरी पत्तियाँ अच्छे दाम में बिकती हैं, तो ये कमाई का भी अच्छा जरिया बन सकता है। पानी का ध्यान रखें, ज्यादा सूखा न पड़े।

पालक की खेती भी करें

पालक का साग अप्रैल में उगाया जा सकता है, हालाँकि इसे तेज गर्मी से थोड़ा बचाना पड़ता है। खेत में दोमट मिट्टी हो तो सबसे अच्छा, वरना जो मिट्टी हो उसमें थोड़ी खाद डालकर भुरभुरा कर लें। बीज को 1-2 इंच गहरा बो दें और हफ्ते में 2-3 बार पानी दें। 30-40 दिन में पालक काटने के लिए तैयार हो जाता है। अच्छी बात ये है कि इसे कई बार काट सकते हैं, तो एक बार की मेहनत से बार-बार फायदा मिलता है। गाँव में इसे लोग दाल या साग बनाकर खाते हैं, और सेहत के लिए भी ये बड़ा फायदेमंद है। अगर थोड़ी छाया मिल जाए, तो पालक और हरा-भरा रहता है।

मूली के साग का मजा लें

मूली का साग अप्रैल में उगाने के लिए बढ़िया है। मूली की जड़ तो सब खाते हैं, मगर इसके पत्ते भी साग के लिए लाजवाब होते हैं। खेत को जोत लें और मिट्टी में थोड़ी गोबर की खाद डाल दें। मूली के बीज को 1 इंच गहरा बोएं और नियमित पानी देते रहें। 25-30 दिन में इसके पत्ते साग के लिए तैयार हो जाते हैं, और साथ में मूली की जड़ भी मिलती है। गाँव में इसे मक्के की रोटी या बाजरे की खिचड़ी के साथ खूब पसंद करते हैं। ये जल्दी उगता है और गर्मी में भी अच्छा चलता है, बस पानी का ख्याल रखना पड़ता है।

बथुआ का साग लगाएं

बथुआ का साग भी अप्रैल में उगाया जा सकता है। ये गर्मी को सह लेता है, मगर इसे हल्की नमी चाहिए। खेत में बीज बिखेर दें और ऊपर से हल्की मिट्टी डालकर पानी दे दें। 20-30 दिन में इसके पत्ते साग के लिए तैयार हो जाते हैं। गाँव में बथुआ का साग बड़ा मशहूर है, इसका स्वाद भी कमाल का होता है। बाज़ार में भी लोग इसे खरीदते हैं, तो थोड़ी कमाई भी हो सकती है। बस ये ध्यान रखें कि खेत ज्यादा सूखा न रहे, वरना पत्ते छोटे रह जाएंगे। इसे उगाना आसान है और मेहनत कम लगती है।

पुदीने की खेती का फायदा

पुदीना भले ही साग की तरह कम गिना जाए, मगर गाँव में इसे चटनी या सब्जी में डालकर खूब इस्तेमाल करते हैं। अप्रैल में इसे खेत के कोने में या गमले में लगा सकते हैं। पुदीने की टहनी काटकर मिट्टी में दबा दें और हफ्ते में 2-3 बार पानी दें। 15-20 दिन में ये फैलने लगता है और हरा-भरा हो जाता है। गर्मी में इसकी ताजगी और खुशबू लोगों को पसंद आती है, और बाज़ार में भी इसके पत्ते अच्छे दाम में बिकते हैं। इसे लगाना आसान है और जगह भी कम लेता है।

अप्रैल में साग उगाने के देसी नुस्खे

अप्रैल में गर्मी बढ़ती है, तो इन साग को उगाते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है। खेत में पानी की निकासी अच्छी होनी चाहिए, वरना जड़ें खराब हो सकती हैं। मिट्टी को भुरभुरा करने के लिए गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट डालें। कीड़ों से बचाने के लिए नीम का तेल पानी में मिलाकर छिड़क सकते हैं। बीज बोने से पहले उन्हें 5-6 घंटे पानी में भिगो दें, इससे अंकुरण तेजी से होता है। अगर धूप ज्यादा तेज हो, तो हल्की छाया का इंतजाम करें, खासकर पालक और बथुआ के लिए।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र पिछले तिन साल से पत्रकारिता कर रहा हूँ मै ugc नेट क्वालीफाई हूँ भूगोल विषय से मै एक विषय प्रवक्ता हूँ , मुझे कृषि सम्बन्धित लेख लिखने में बहुत रूचि है मैंने सम्भावना संस्थान हिमाचल प्रदेश से कोर्स किया हुआ है |

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