गजब है आलू की ये किस्म! 1 हेक्टेयर में 350 क्विंटल तक पैदावार, मुनाफा होगा तीन गुना

Potato Farming Tips : आलू की खेती आजकल कमाई का एक शानदार जरिया बन गई है। जहानाबाद के परिवेश में आलू का सीजन अब खत्म होने को है, लेकिन कृषि विज्ञान केंद्र गंधार में एक नया प्रयोग हुआ है, जिसने किसानों के लिए उम्मीद की किरण जगा दी है। यहाँ आलू की उन्नत बीज को प्रयोग के तौर पर उगाया गया था, और इसका नतीजा इतना शानदार रहा कि हर कोई हैरान है। यहाँ की मिट्टी में इस बीज से प्रति हेक्टेयर 350 क्विंटल की उपज मिली है। एक आलू का वजन 150 से 200 ग्राम तक रहा, और वो भी सिर्फ 90 से 95 दिनों में तैयार हो गया।

आज का किसान खेती को व्यवसाय की नजर से देख रहा है। कई लोग नौकरी छोड़कर नए-नए प्रयोग कर रहे हैं और अच्छी कमाई भी कमा रहे हैं। अलग-अलग सीजन में अलग फसलें उगाई जाती हैं, और आलू की ये नई किस्म इस मौसम में किसानों के लिए सोने पे सुहागा साबित हो सकती है।

प्रयोग से किसानों में जगी उम्मीद

कृषि विज्ञान केंद्र गंधार में हुए इस प्रयोग ने किसानों को नई राह दिखाई है। इस उन्नत बीज से अच्छी उपज लेकर किसान अपनी जेब भर सकते हैं। केंद्र के ई. जितेंद्र कुमार ने बताया कि बड़े आलू की खेती से किसानों को मोटी कमाई हो सकती है। ये बीज बांग्लादेश एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से मंगवाया गया था, और इसका नतीजा देखते ही बनता है। यहाँ की दोमट मिट्टी में प्रति हेक्टेयर 350 क्विंटल उपज मिली, जो किसानों के लिए बड़ी बात है।

इसे बीज उत्पादन के लिए लगाया गया था, और हर आलू का वजन 150 से 200 ग्राम तक रहा। जितेंद्र कुमार के मुताबिक, ये बीज हर तरह से फायदेमंद है। आमतौर पर जो बीज यहाँ इस्तेमाल होते हैं, वो छोटे होते हैं, और उनकी उपज का वजन भी कम रहता है। लेकिन इस नए बीज ने साबित कर दिया कि बड़े आलू से न सिर्फ उपज बढ़ेगी, बल्कि किसानों की कमाई भी बढ़ सकती है।

आलू की खेती के लिए खास बातें

ई. जितेंद्र कुमार ने आगे बताया कि आलू एक ट्यूबर क्रॉप है, जिसे दोमट मिट्टी की जरूरत होती है। जहानाबाद की मिट्टी इसके लिए एकदम मुफीद है। इस बीज से उगा आलू सिर्फ 90 से 95 दिनों में तैयार हो जाता है, जो आम बीजों से काफी तेज है। पानी की बात करें तो इसे पूरे सीजन में सिर्फ पाँच बार सिंचाई चाहिए। कम पानी और कम वक्त में तैयार होने की वजह से ये किसानों के लिए फायदे का सौदा है।

पुराने बीजों से उपज तो मिलती है, लेकिन वजन कम होने की वजह से बाजार में दाम कम मिलता है। इस नए बीज से आलू का साइज बड़ा रहता है, जिससे बाजार में अच्छी कीमत मिल सकती है। कमाई की बात करें तो इस बीज को लगाकर लागत से साढ़े तीन गुना तक मुनाफा कमाया जा सकता है। यानी अगर आपने एक रुपये लगाए, तो साढ़े तीन रुपये तक कमा सकते हैं।

खेती को बनाएँ व्यवसाय

आज के दौर में खेती-किसानी सिर्फ पेट भरने का जरिया नहीं, बल्कि कमाई का बेहतर विकल्प बन गई है। गंधार के इस प्रयोग ने साबित कर दिया कि सही बीज और सही तरीके से खेती करें, तो मेहनत का पूरा फल मिल सकता है। दोमट मिट्टी आलू के लिए वरदान है। इस उन्नत बीज से न सिर्फ उपज बढ़ेगी, बल्कि बड़े साइज के आलू बाजार में अच्छा दाम दिलाएँगे।

किसान भाइयों को चाहिए कि वो ऐसे नए प्रयोगों को अपनाएँ। अगर बीज अच्छा हो, मिट्टी सही हो, और देखभाल में कमी न हो, तो खेती से मोटी कमाई होना तय है। इस बीज को लगाने के लिए खेत को अच्छे से तैयार करें, पानी का सही इंतजाम रखें, और समय पर देखभाल करें।

आगे क्या करें?

आलू की अच्छी उपज के लिए मिट्टी में पोषक तत्वों का संतुलन जरूरी है। दोमट मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश की सही मात्रा डालें। इस बीज को लगाने से पहले मिट्टी की जाँच करवा लें, ताकि कमी हो तो उसे पूरा किया जा सके। साथ ही, कीटों से बचाव के लिए नीम का तेल या जैविक कीटनाशक इस्तेमाल करें। गंधार का ये प्रयोग दिखाता है कि सही दिशा में कदम उठाने से खेती नई ऊँचाइयों को छू सकती है। तो देर न करें, इस उन्नत बीज को आजमाएँ, और अपनी कमाई को बढ़ाएँ।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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