डीएपी और यूरिया का सही इस्तेमाल कैसे करें? किसान जरूर जानें

किसान भाइयों, जब बात फसल की अच्छी पैदावार की आती है, तो खाद का सही इस्तेमाल बड़ा जरूरी हो जाता है। अगर आप खाद को सही तरीके से नहीं डालेंगे, तो न सिर्फ फसल कमजोर होगी, बल्कि आपके खेत की मिट्टी भी खराब हो सकती है। डीएपी और यूरिया दो ऐसी खाद हैं, जो फसल को ताकत देती हैं। मगर इनका इस्तेमाल समझदारी से करना पड़ता है। आपके लिए ये जानना जरूरी है कि इनका सही समय और सही मात्रा क्या है। चलिए, पूरा हिसाब-किताब समझते हैं।

डीएपी क्या है और कब डालें

डीएपी का पूरा नाम है डाई-अमोनियम फॉस्फेट। ये खाद आपके फसल की जड़ों को मजबूत बनाती है, ताकि पौधा अच्छे से बढ़ सके। इसे बोआई के वक्त डालना सबसे बढ़िया रहता है। जब आप खेत में बीज बो रहे हों, उसी समय डीएपी डाल दीजिए। आमतौर पर 1 एकड़ खेत के लिए 50 किलो डीएपी काफी है। इससे पौधे की नींव मजबूत होगी और फसल अच्छी आएगी। इसे मिट्टी में अच्छे से मिला दीजिए, ताकि जड़ों तक सही से पहुँचे। गर्मी हो या बरसात, बोआई के समय ये खाद हर मौसम में काम करती है।

यूरिया का सही तरीका

यूरिया में 46 फीसदी नाइट्रोजन होता है, जो फसल को हरा-भरा और तेजी से बढ़ने में मदद करता है। मगर ये तभी फायदा देगा, जब आप इसे सही मात्रा में डालेंगे। ज्यादा यूरिया डाल दिया, तो फसल जल सकती है या पत्तियाँ पीली पड़ सकती हैं। आपके लिए सही तरीका ये है कि यूरिया को दो बार डालें। पहली बार पौधे के 25 दिन बाद डालिए, जब वो थोड़ा बढ़ने लगे। दूसरी बार 45-50 दिन बाद डाल दीजिए, जब फूल या फल आने का वक्त हो। 1 एकड़ में 20-25 किलो यूरिया हर बार काफी है। इसे सुबह या शाम को डालिए, ताकि धूप में न उड़े।

सही इस्तेमाल से फायदा

अगर आप डीएपी और यूरिया को सही समय और सही मात्रा में डालते हैं, तो फसल की पैदावार बढ़ेगी और मिट्टी की ताकत भी बनी रहेगी। डीएपी जड़ों को मजबूत करता है, और यूरिया पत्तियों को हरा-भरा। दोनों का संतुलन बनाकर चलिए, तो खेत सालों तक हरा-भरा रहेगा। गलत इस्तेमाल से मिट्टी सख्त हो सकती है और फसल कमजोर पड़ सकती है। आपके खेत की मेहनत तभी रंग लाएगी, जब खाद का सही ढंग से उपयोग होगा।

आपके लिए देसी टिप्स

खाद डालने के कुछ देसी नुस्खे आजमाइए। डीएपी को बोआई से पहले मिट्टी में अच्छे से मिलाइए, थोड़ा गोबर की खाद भी डाल सकते हैं। यूरिया को पानी के साथ हल्का घोल बनाकर डालिए, इससे पौधों को एकसमान मिलेगा। गर्मी में खाद डालने के बाद हल्का पानी छिड़क दीजिए, ताकि वो उड़े नहीं। कीड़ों से बचाने के लिए नीम की खली मिला सकते हैं। खेत की जुताई हर बार अच्छे से करिए, ताकि खाद मिट्टी में सही से समा जाए।

सावधानी रखें

कभी-कभी किसान भाई जल्दबाजी में ज्यादा खाद डाल देते हैं, जो गलत है। डीएपी को बोआई के बाद ऊपर से मत डालिए, वरना फायदा कम होगा। यूरिया को बारिश के ठीक पहले डालने से बचिए, नहीं तो पानी के साथ बह जाएगा। खाद को हमेशा सूखी जगह पर रखिए, ताकि गीला न हो। सही समय और सही ढंग से खाद डालेंगे, तो फसल लहलहाएगी और मिट्टी भी बची रहेगी।

तो भाइयों, डीएपी और यूरिया को समझदारी से इस्तेमाल करिए। बोआई के समय डीएपी और बढ़ते पौधों के लिए यूरिया डालिए। खेत को हरा-भरा रखिए और बंपर पैदावार पाइए। आपकी मेहनत तब रंग लाएगी, जब खाद का सही ढंग से उपयोग होगा।

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  • Shashikant

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