एडवांटा मेगा स्वीट ज्वार की खेती: 16 फीट ऊंचाई के साथ, प्रति हेक्टेयर 800 कुंतल चारा का लीजिए उत्पादन

Mega Sweet Jwar Ki Kheti: किसान साथियों, एडवांटा मेगा स्वीट ज्वार एक उन्नत हाइब्रिड किस्म है, जो पशुपालकों और किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसकी 16 फीट तक की ऊंचाई और मिठास भरा हरा चारा है, जो पशुओं के लिए पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, और बिहार जैसे राज्यों में इसकी खेती पशु चारे की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए की जा रही है। मेगा स्वीट ज्वार की खेती कम लागत में ज्यादा चारा देती है और सूखा सहन करने की क्षमता रखती है। इस लेख में हम मेगा स्वीट ज्वार की खेती की पूरी जानकारी सरल तरीके से देंगे।

मेगा स्वीट ज्वार की खासियत और महत्व

एडवांटा मेगा स्वीट ज्वार को Advanta Seeds ने विशेष रूप से हरे चारे के लिए विकसित किया है। इसकी ऊंचाई 14 से 16 फीट तक हो सकती है, जिससे प्रति हेक्टेयर चारा उत्पादन 600-800 क्विंटल तक हो जाता है। इसकी पत्तियां मुलायम और रसीली होती हैं, और मिठास के कारण गाय, भैंस, और बकरी जैसे पशु इसे खूब चाव से खाते हैं। यह किस्म सूखा और गर्मी सहन कर सकती है, जो इसे राजस्थान जैसे कम वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त बनाती है। मेगा स्वीट ज्वार में प्रोटीन और पाचनशील पोषक तत्वों की मात्रा अच्छी होती है, जो पशुओं की सेहत और दूध उत्पादन को बढ़ाती है।

मिट्टी और जलवायु की आवश्यकता

मेगा स्वीट ज्वार की खेती (Mega Sweet Jwar Ki Kheti) के लिए दोमट, बलुई दोमट, या चिकनी मिट्टी सबसे अच्छी होती है। मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 होना चाहिए। अच्छे जल निकास वाली मिट्टी चुनें, ताकि बारिश में पानी जमा न हो। उत्तर प्रदेश और बिहार में गंगा की उपजाऊ मिट्टी इसकी खेती के लिए आदर्श है। यह गर्म जलवायु की फसल है और 26-30 डिग्री सेल्सियस तापमान में अच्छी बढ़त करती है। बुवाई के समय न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। मेगा स्वीट ज्वार को समुद्र तल से 1500 मीटर तक की ऊंचाई पर उगाया जा सकता है। 600-1000 मिलीमीटर वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्र इसके लिए अनुकूल हैं।

खेत की तैयारी और बुवाई

खेत की तैयारी के लिए गर्मी में गहरी जुताई करें, ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए। प्रति हेक्टेयर 8-10 टन गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट डालें। इसके बाद दो-तीन हल्की जुताइयां करें और खेत को समतल करें। मेगा स्वीट ज्वार की बुवाई खरीफ मौसम में (जून-जुलाई) या गर्मी में (मार्च-अप्रैल) करें। मानसून की पहली बारिश के बाद बुवाई सबसे अच्छी होती है। प्रति हेक्टेयर 8-10 किलो बीज पर्याप्त हैं। बीज को 2-3 सेंटीमीटर गहराई पर और 45 सेंटीमीटर की कतार दूरी पर बोएं। पौधे से पौधे की दूरी 10-15 सेंटीमीटर रखें। बीज को बुवाई से पहले थिरम या केप्टान (2.5 ग्राम प्रति किलो बीज) से उपचारित करें, ताकि कवक रोगों से बचाव हो।

उर्वरक और पोषण प्रबंधन

मेगा स्वीट ज्वार की अच्छी बढ़त के लिए संतुलित उर्वरक जरूरी हैं। प्रति हेक्टेयर 80-100 किलो नाइट्रोजन, 40-50 किलो फॉस्फोरस, और 40 किलो पोटाश डालें। बुवाई के समय यूरिया (100 किलो), DAP (100 किलो), और MOP (60 किलो) की पहली खुराक डालें, जिसमें पूरी फॉस्फोरस, पोटाश, और आधी नाइट्रोजन शामिल हो। बाकी नाइट्रोजन को बुवाई के 30-35 दिन बाद डालें, जब पौधे घुटने की ऊंचाई पर हों। जैविक खेती के लिए नीम की खली (500 किलो प्रति हेक्टेयर) और आज़ोटोबैक्टर (10 किलो) डालें। अगर मिट्टी में जस्ता की कमी हो, तो 20 किलो जिंक सल्फेट डालें। उर्वरक डालने के बाद हल्की सिंचाई करें, ताकि पोषक तत्व जड़ों तक पहुंचें। मई की गर्मी में मिट्टी की नमी का ध्यान रखें।

सिंचाई और खरपतवार नियंत्रण

मेगा स्वीट ज्वार को नियमित सिंचाई की जरूरत होती है, खासकर शुरुआती 30-40 दिनों में। बुवाई के तुरंत बाद पहली हल्की सिंचाई करें। इसके बाद, मई की गर्मी में हर 7-10 दिन में और मानसून में 15-20 दिन में सिंचाई करें। ड्रिप इरिगेशन का उपयोग करें, ताकि पानी की बचत हो। खरपतवार पौधों के पोषक तत्व और पानी छीन सकते हैं। बुवाई के 15-20 दिन बाद पहली निराई-गुड़ाई करें। अगर खरपतवार ज्यादा हों, तो पेंडीमेथालिन (1 किलो प्रति हेक्टेयर) का छिड़काव करें। जैविक खेती में मल्चिंग और बार-बार गुड़ाई करें। खरपतवार नियंत्रण से पौधों की 16 फीट ऊंचाई तक बढ़ने की क्षमता बनी रहती है।

कीट और रोग प्रबंधन

मेगा स्वीट ज्वार में तना छेदक, प्ररोह मक्खी, और अर्गट रोग का खतरा हो सकता है। तना छेदक की रोकथाम के लिए बुवाई के 25 दिन बाद कार्बोफ्यूरान (7.5 किलो प्रति हेक्टेयर) डालें। प्ररोह मक्खी से बचने के लिए इमिडाक्लोप्रिड (14 मिली प्रति किलो बीज) से बीज उपचार करें। अर्गट रोग के लिए थिरम (0.2%) का छिड़काव करें और रोगग्रस्त भुट्टों को जला दें। नीम तेल (5 मिली प्रति लीटर पानी) का छिड़काव कीटों और कवकों से बचाव करता है। नियमित खेत की निगरानी करें और अपने कृषि सलाहकार से संपर्क रखें।

कटाई और चारा उपयोग

मेगा स्वीट ज्वार की पहली कटाई बुवाई के 45-50 दिन बाद करें, जब पौधे 4-5 फीट ऊंचे हों। इसके बाद हर 30-40 दिन में कटाई करें। 16 फीट की ऊंचाई तक पहुंचने पर चारा उत्पादन अधिकतम होता है। कटाई सुबह करें, ताकि चारे में नमी और मिठास बनी रहे। चारे को तुरंत पशुओं को खिलाएं या साइलेज बनाकर स्टोर करें। एक हेक्टेयर से 600-800 क्विंटल हरा चारा और 100-150 क्विंटल सूखा चारा मिल सकता है। यह चारा गायों और भैंसों के दूध उत्पादन को बढ़ाता है।

लागत और मुनाफे का हिसाब

मेगा स्वीट ज्वार की खेती की लागत प्रति हेक्टेयर 30,000-40,000 रुपये होती है, जिसमें बीज (5,000 रुपये), उर्वरक (10,000 रुपये), सिंचाई (5,000 रुपये), और मजदूरी (10,000 रुपये) शामिल हैं। एक हेक्टेयर से 600-800 क्विंटल हरा चारा मिलता है, जिसे 2-3 रुपये प्रति किलो बेचा जा सकता है। इससे 1.5-2 लाख रुपये की कमाई हो सकती है। सूखा चारा और दाने (20-25 क्विंटल) बेचकर अतिरिक्त आय हो सकती है। अपने ब्लॉग krishitak.com पर मेगा स्वीट ज्वार के फायदे शेयर करें, ताकि पशुपालक प्रेरित हों।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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