Pusa advisory for farmer: गर्मी का मौसम आते ही खेतों में मेहनत का रंग और गहरा हो जाता है। सूरज की तपिश और लू के थपेड़ों के बीच फसल को हरा-भरा रखना और अच्छा मुनाफ़ा कमाना हर किसान की चाहत होती है। भारतीय कृषि अनुसंधान वैज्ञानिकों ने गर्मियों के लिए कुछ खास सलाह दी हैं, जो हमारे खेतों को लहलहाने में मदद करेंगी। आइए, इन देसी और आसान नुस्खों को जानें, जो कम खर्च में ज़्यादा फायदा दे सकते हैं।
मूली और सब्जियों की बुवाई का सही समय
गर्मी का मौसम मूली की खेती के लिए बिल्कुल मुफ़ीद है। खासकर पूसा चेतकी जैसी गर्मी वाली मूली की बुवाई अभी कर सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस समय तापमान बीजों के अंकुरण के लिए ठीक है। बुवाई से पहले खेत में अच्छी नमी रखें और बीज किसी भरोसेमंद दुकान से ही लें। इसके अलावा, भिंडी, लौकी, खीरा, तुरई, चौलाई, फ्रेंच बीन और लोबिया जैसी सब्जियों की बुवाई भी इस मौसम में कर सकते हैं। पूसा नवीन लौकी, पूसा उदय खीरा, और अर्का अनामिका भिंडी जैसी उन्नत किस्में चुनें, ताकि पैदावार ज़्यादा हो और फसल मज़बूत रहे।
कीटों से फसल को बचाने के तरीके
टमाटर, बैंगन, और मटर की फसल में फलछेदक कीट इस मौसम में परेशान कर सकते हैं। इनसे निपटने के लिए पहले बी.टी. का छिड़काव करें। 1 लीटर पानी में 1 ग्राम बी.टी. मिलाकर फसल पर छिड़कें। फिर, पंद्रह दिन बाद स्पिनोसैड का घोल बनाकर छिड़काव करें। यह घोल 4 लीटर पानी में एक मिलीलीटर स्पिनोसैड मिलाकर तैयार करें। ये तरीके न सिर्फ़ कीटों को भगाएँगे, बल्कि फसल को नुकसान भी नहीं होने देंगे। साथ ही, खेत में साफ़-सफ़ाई रखें, ताकि कीटों को पनपने का मौका न मिले।
लू से फसलों को बचाने का उपाय
गर्मी की लू टमाटर, मिर्च, और बैंगन जैसी फसलों को झुलसा सकती है। फलों का विकास रुक सकता है और फसल कमज़ोर हो सकती है। इसके लिए वैज्ञानिक सलाह देते हैं कि दो प्रतिशत नेफ्थलीन एसिटिक एसिड (NAA) का घोल बनाकर फसल पर छिड़कें। यह घोल फलों को बढ़ने में मदद करता है और लू का असर कम करता है। इसके अलावा, सब्जियों और फलों की तुड़ाई सुबह या शाम के ठंडे समय में करें और तुड़ाई के बाद फसल को छायादार जगह पर रखें, ताकि वह खराब न हो।
खेत की तैयारी और हरी खाद का कमाल
रबी की फसल कटने के बाद खेत को खाली न छोड़ें। खेत में पलेवा करें, यानी हल्की सिंचाई करके मिट्टी को नम करें। इसके बाद ढैंचा, सनई, या लोबिया जैसी हरी खाद की बुवाई करें। ये फसलें मिट्टी को उपजाऊ बनाती हैं और अगली फसल की पैदावार बढ़ाने में मदद करती हैं। अगर खेत खाली है, तो गहरी जुताई करें और मिट्टी को धूप में खुला छोड़ दें। सूरज की गर्मी खेत में छिपे कीटों के अंडों और खरपतवार के बीजों को नष्ट कर देगी।
अनाज भंडारण के लिए सावधानियाँ
रबी फसल का अनाज भंडारण करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें। अनाज को अच्छी तरह सुखा लें, ताकि उसमें नमी बारह प्रतिशत से ज़्यादा न रहे। भंडारघर की अच्छे से सफ़ाई करें और दीवारों या छत की दरारों को भर दें। अनाज की बोरियों को पाँच प्रतिशत नीम तेल के घोल से उपचारित करें और धूप में सुखाएँ। इससे कीटों और बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। अनाज को हमेशा सूखी और सुरक्षित जगह पर रखें।
हल्की सिंचाई का रखें ध्यान
गर्मी में लू का खतरा बढ़ जाता है। सब्जियों, फलों के बगीचों, और जायद फसलों को बचाने के लिए हल्की सिंचाई नियमित अंतराल पर करें। खासकर सब्जियों की नर्सरी में पानी का खास ख्याल रखें। ज़्यादा पानी देने से बचें, क्योंकि इससे जड़ें सड़ सकती हैं।
ये सारे उपाय हमारे किसान भाइयों के लिए गर्मी के मौसम में खेती को आसान और मुनाफ़े वाला बनाने में मदद करेंगे। थोड़ी सी समझदारी और मेहनत से हम अपने खेतों को लहलहा सकते हैं और अच्छी कमाई कर सकते हैं।
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