भारत में किसान अन्नदाता के रूप में देश की रीढ़ हैं। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, और राजस्थान जैसे राज्यों में लाखों किसान खेती पर निर्भर हैं। केंद्र और राज्य सरकारें किसानों की आय बढ़ाने, खेती को आसान बनाने, और प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा देने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। 2025 में, विशेष रूप से बजट 2025 और कृषि मंत्रालय की नई पहलों के तहत, किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू या अपडेट की गई हैं। ये योजनाएं छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता, सस्ता ऋण, और फसल बीमा प्रदान करती हैं। यह लेख गाँव के किसानों को मई 2025 तक प्रासंगिक 5 प्रमुख सरकारी योजनाओं की जानकारी देगा,
1. प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025-26 के केंद्रीय बजट में घोषित एक महत्वपूर्ण पहल है। इसका उद्देश्य 100 कम उत्पादकता वाले जिलों में कृषि उत्पादन बढ़ाना है। यह योजना फसल विविधीकरण, बेहतर बीज, और आधुनिक सिंचाई तकनीकों को बढ़ावा देती है। पंजाब और हरियाणा के गेहूं-धान क्षेत्रों में यह योजना किसानों को दलहन और तिलहन की खेती की ओर प्रोत्साहित कर रही है। योजना के तहत 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा। किसानों को उन्नत बीज, ड्रिप सिंचाई, और प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अपने जिला कृषि कार्यालय में पंजीकरण करना होगा। पात्रता के लिए किसान का पीएम किसान सम्मान निधि योजना से जुड़ा होना जरूरी है। ऑनलाइन पोर्टल (upagriculture.com) पर भी आवेदन किया जा सकता है। यह योजना कम उपज वाले क्षेत्रों में किसानों की आय को 20-30% तक बढ़ा सकती है।
2. किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लिमिट वृद्धि
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना के तहत 2025 में ऋण सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। यह घोषणा बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की। इससे 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों, और डेयरी किसानों को सस्ता ऋण मिलेगा। KCC पर 7% ब्याज दर है, और समय पर ऋण चुकाने पर केवल 4% ब्याज देना होगा। यह योजना पंजाब, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए खेती के उपकरण, बीज, और खाद खरीदने में मददगार है।
आवेदन के लिए किसान अपने नजदीकी बैंक (SBI, PNB) या सहकारी बैंक में जमीन के दस्तावेज और आधार कार्ड जमा करें। PM Kisan पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन भी संभव है। यह योजना किसानों को व्यावसायिक खेती के लिए प्रोत्साहित करती है और ऋण की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करती है।
3. दलहन और तिलहन मिशन
2025 में सरकार ने दलहन (तुअर, उड़द, मसूर) और तिलहन की पैदावार बढ़ाने के लिए 6 साल का मिशन शुरू किया है। इसके लिए 1,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। यह योजना भारत को दालों और खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखती है। राजस्थान और उत्तर प्रदेश के किसानों को इस योजना से विशेष लाभ होगा, क्योंकि ये क्षेत्र दलहन की खेती के लिए उपयुक्त हैं। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर इन फसलों की खरीद करेगी, जिससे किसानों को अच्छा दाम मिलेगा।
पात्रता के लिए किसान को अपने जिला कृषि कार्यालय में पंजीकरण कराना होगा। eNAM पोर्टल पर भी फसल बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। यह योजना छोटे किसानों की आय को स्थिर करेगी और मिट्टी की उर्वरता को भी बढ़ाएगी।
4. मखाना बोर्ड की स्थापना
बिहार और उत्तर प्रदेश के मखाना उत्पादकों के लिए 2025 में एक समर्पित मखाना बोर्ड की स्थापना की गई है। यह बोर्ड मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण, और विपणन को बढ़ावा देगा। छोटे किसानों को किसान-उत्पादक संगठन (FPO) में संगठित किया जाएगा और प्रशिक्षण दिया जाएगा। बोर्ड सरकारी योजनाओं का लाभ, जैसे सब्सिडी और बाजार लिंकेज, सुनिश्चित करेगा। यह योजना बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मखाना किसानों की आय को दोगुना करने में मदद करेगी।
आवेदन के लिए किसान अपने जिला कृषि कार्यालय या FPO से संपर्क करें। मखाना बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट (जल्द लॉन्च होगी) पर भी पंजीकरण संभव होगा। यह योजना मखाना को वैश्विक बाजार में ले जाएगी।
5. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का विस्तार
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) को 2025-26 तक बढ़ाया गया है। यह योजना प्राकृतिक आपदाओं (सूखा, बाढ़, तूफान) से फसल नुकसान की भरपाई करती है। खरीफ फसलों के लिए 2%, रबी फसलों के लिए 1.5%, और बागवानी फसलों के लिए 5% प्रीमियम है। बाकी प्रीमियम सरकार वहन करती है। पंजाब और हरियाणा के धान-गेहूं किसानों को इससे विशेष सुरक्षा मिलेगी। 2025 में फसल बीमा ऐप के जरिए नामांकन और दावे की प्रक्रिया को और आसान किया गया है।
आवेदन के लिए PMFBY पोर्टल (pmfby.gov.in) पर रजिस्टर करें या नजदीकी बैंक/कृषि कार्यालय में संपर्क करें। यह योजना किसानों को आर्थिक सुरक्षा देती है और खेती के जोखिम को कम करती है।
योजनाओं का लाभ कैसे लें?
इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाएं। सबसे पहले, अपने आधार और बैंक खाते की e-KYC पूरी करें, क्योंकि ज्यादातर योजनाएं डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) पर आधारित हैं। PM Kisan पोर्टल (pmkisan.gov.in) पर e-KYC अपडेट करें। अपने जिला कृषि कार्यालय या नजदीकी बैंक (SBI, PNB) में दस्तावेज (आधार, खेत के कागज, बैंक पासबुक) जमा करें। ऑनलाइन पोर्टल्स, जैसे upagriculture.com, eNAM, और pmfby.gov.in, पर रजिस्ट्रेशन करें। स्थानीय सहकारी समितियों और FPO से संपर्क करें। इन योजनाओं से किसानों की आय 20-50% तक बढ़ सकती है और खेती के जोखिम कम होंगे।
लागत और लाभ विश्लेषण
इन योजनाओं में कोई सीधी लागत नहीं है, क्योंकि सरकार मुफ्त या सब्सिडी आधारित लाभ देती है। उदाहरण के लिए, PMFBY में प्रीमियम का 90% सरकार वहन करती है। KCC से 5 लाख रुपये तक का सस्ता ऋण मिलता है, जिससे खेती की लागत कम होती है। धन-धान्य योजना से उन्नत बीज और सिंचाई पर 50% सब्सिडी मिलती है। मखाना बोर्ड और दलहन मिशन से MSP पर बिक्री सुनिश्चित होती है। कुल मिलाकर, ये योजनाएं 1 हेक्टेयर खेती पर 50,000-1 लाख रुपये की अतिरिक्त आय दे सकती हैं।
आज शुरू करें, आत्मनिर्भर बनें
2025 में शुरू हुई ये 5 सरकारी योजनाएं गाँव के किसानों के लिए आर्थिक समृद्धि का सुनहरा अवसर हैं। चाहे आप पंजाब में धान की खेती करें, राजस्थान में दलहन उगाएं, या बिहार में मखाना उत्पादन करें, ये योजनाएं आपकी आय बढ़ाएंगी और खेती को सुरक्षित बनाएंगी। आज ही अपने नजदीकी कृषि कार्यालय से संपर्क करें, e-KYC अपडेट करें, और इन योजनाओं का लाभ उठाएं। यह न केवल आपके परिवार को समृद्ध करेगा, बल्कि गाँव और देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।
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