घर की छत से शुरू करें हर्बल बिज़नेस, कम निवेश में शानदार मुनाफ़ा

How to Grow Medicinal Garden on Terrace: आजकल की भागदौड़ और प्रदूषण भरी जिंदगी में हर कोई सुकून की तलाश में है। ऐसे में अपने घर की छत को औषधीय गार्डन में बदलना किसी वरदान से कम नहीं। ये न सिर्फ आपके घर को हरा-भरा बनाएगा, बल्कि सर्दी-खाँसी, पेट दर्द जैसी छोटी-मोटी बीमारियों के लिए प्राकृतिक दवाइयाँ भी देगा। हमारे गाँवों में तो पहले से ही तुलसी, नीम जैसे पौधे घरों की शान हुआ करते थे।

अब आप भी अपनी छत पर थोड़ी सी मेहनत से ऐसा गार्डन बना सकते हैं, जो सेहत, सुकून और पर्यावरण तीनों को फायदा दे। जानते हैं कि छत पर औषधीय गार्डन कैसे बनाएँ, कौन-कौन से पौधे लगाएँ और उनकी देखभाल कैसे करें।

औषधीय गार्डन के फायदे

छत पर औषधीय पौधे लगाने का सबसे बड़ा फायदा है कि आपको छोटी-मोटी बीमारियों के लिए बार-बार दवाइयों की दुकान नहीं भागना पड़ेगा। तुलसी का काढ़ा हो या एलोवेरा का रस, ये पौधे प्राकृतिक इलाज का खजाना हैं। इसके अलावा, ये पौधे हवा को शुद्ध करते हैं, जिससे घर का माहौल ताजा और स्वच्छ रहता है। हरियाली देखकर मन को सुकून मिलता है और तनाव कम होता है। खास बात ये है कि छत पर कम जगह में भी आप ढेर सारे पौधे उगा सकते हैं। ये आपके घर की खूबसूरती बढ़ाने के साथ-साथ बच्चों को प्रकृति के करीब लाने का भी मौका देता है।

कौन-कौन से पौधे लगाएँ

छत पर औषधीय गार्डन के लिए कई ऐसे पौधे हैं, जो आसानी से उगाए जा सकते हैं।

तुलसी हर घर की शान है, जो सर्दी-जुकाम और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती है।

एलोवेरा त्वचा, बालों और पाचन के लिए कमाल का है।

पुदीना पेट की गड़बड़ी और अपच को ठीक करता है।

गिलोय बुखार और इम्युनिटी बढ़ाने के लिए मशहूर है।

अजवाइन पेट दर्द और गैस की दिक्कत में राहत देता है।

नीम के पत्ते एंटीबैक्टीरियल हैं और स्किन की समस्याओं में फायदेमंद हैं।

हल्दी के एंटीसेप्टिक गुण इसे हर घर में जरूरी बनाते हैं। ये सारे पौधे कम जगह में आसानी से उग जाते हैं और ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती।

औषधीय गार्डन कैसे शुरू करें

छत पर गार्डन शुरू करने के लिए सबसे पहले सही गमले और मिट्टी का इंतजाम करें। गमले में नीचे छेद होना चाहिए, ताकि अतिरिक्त पानी निकल जाए। मिट्टी में गोबर की खाद या जैविक खाद मिलाएँ, इससे पौधों को अच्छा पोषण मिलेगा। मिट्टी को ज्यादा सख्त न करें, उसे हल्का और हवादार रखें। गमले छोटे-मध्यम साइज के लें, ताकि छत पर जगह की दिक्कत न हो।

पौधों को रोजाना 4-5 घंटे की धूप चाहिए, इसलिए छत की ऐसी जगह चुनें, जहाँ सूरज की रोशनी और हवा अच्छी आए। तुलसी और पुदीने को हल्की धूप पसंद है, जबकि नीम और गिलोय ज्यादा धूप में भी अच्छे रहते हैं। अगर छत पर ज्यादा गर्मी पड़ती है, तो पौधों को छायादार कपड़े से ढक सकते हैं। शुरुआत में 3-4 पौधों से गार्डन शुरू करें और धीरे-धीरे और पौधे जोड़ें।

पौधों की देखभाल का तरीका

औषधीय पौधों की देखभाल ज्यादा मुश्किल नहीं है, बस थोड़ा ध्यान चाहिए। पौधों को समय पर पानी दें, लेकिन इतना नहीं कि मिट्टी गीली हो जाए। सुबह या शाम को पानी देना सबसे अच्छा है। हर 15-20 दिन में गमलों में जैविक खाद डालें, जैसे गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट। अगर पौधों पर कीड़े लगें, तो नीम के तेल को पानी में मिलाकर छिड़काव करें। ये प्राकृतिक तरीका कीटों को भगाता है और पौधों को नुकसान नहीं पहुंचाता।

पौधों की नियमित छँटाई करें, ताकि वो ज्यादा फैलें नहीं और स्वस्थ रहें। अगर कोई पौधा मुरझाने लगे, तो उसकी मिट्टी और जड़ों की जाँच करें। कभी-कभी ज्यादा पानी या खाद की कमी से भी पौधे कमजोर हो जाते हैं। बच्चों को भी पौधों की देखभाल में शामिल करें, इससे वो प्रकृति से प्यार करना सीखेंगे।

गार्डन शुरू करने की सलाह

अगर आप पहली बार औषधीय गार्डन शुरू कर रहे हैं, तो ज्यादा जल्दबाजी न करें। स्थानीय नर्सरी से तुलसी, पुदीना या एलोवेरा जैसे आसान पौधों की शुरुआत करें। आजकल ऑनलाइन भी अच्छे बीज और पौधे मिल जाते हैं, लेकिन खरीदने से पहले उनकी क्वालिटी चेक कर लें। अपने गाँव की बहनों और भाइयों को भी ये तरीका बताएँ, ताकि हर घर की छत हरी-भरी हो। अगर आपको जैविक गार्डनिंग की और जानकारी चाहिए, तो नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र या बागवानी विभाग से संपर्क करें। इस छोटे से गार्डन से न सिर्फ आपकी सेहत सुधरेगी, बल्कि घर का माहौल भी ताजा और खुशहाल रहेगा।

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Author

  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं krishitak.com पर लेखक हूं, जहां मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाओं पर केंद्रित आर्टिकल लिखता हूं। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ, मैं पाठकों को लेटेस्ट और उपयोगी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं।

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