ओडिशा के किसानों की खुली किस्मत, CM ने खातों में भेजे 1,025 करोड़ रुपये

हमारे देश में किसान भाइयों की मेहनत की बदौलत ही अन्न का भंडार भरता है। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने इस मेहनत को सलाम करते हुए अक्षय तृतीया के मौके पर 30 अप्रैल 2025 को कृषक दिवस पर CM-KISAN योजना के तहत 51 लाख किसानों के खातों में 1025 करोड़ रुपये की राशि सीधे ट्रांसफर की। भुवनेश्वर के ओडिशा कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (OUAT) के फार्म पर हुए इस समारोह में उपमुख्यमंत्री केवी सिंह देव भी मौजूद थे।

इस बार खास बात ये रही कि शहरी इलाकों के 25,000 किसानों को भी इस योजना का लाभ मिला। आइए, जानते हैं कि इस योजना से किसानों को कैसे फायदा हो रहा है और मांझी सरकार किसानों की जिंदगी कैसे संवार रही है।

हर किसान के खाते में 2000 रुपये

CM-KISAN योजना ओडिशा के किसानों के लिए एक बड़ा सहारा बन रही है। इस योजना के तहत हर किसान को खरीफ और रबी सीजन की तैयारी के लिए साल में दो बार 2000-2000 रुपये की मदद दी जाती है। पहली किश्त अक्षय तृतीया पर और दूसरी नुआखाई के मौके पर। इस बार 51 लाख छोटे, सीमांत, भूमिहीन और आदिवासी किसानों के खातों में 2000 रुपये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए पहुँचे। खास बात ये है कि पहली बार शहरी इलाकों के 25,000 किसानों को भी इस योजना में शामिल किया गया। ये रकम किसानों को बीज, खाद और खेती के जरूरी सामान खरीदने में मदद करेगी, ताकि उनकी फसल अच्छी हो और कमाई बढ़े।

मुख्यमंत्री मांझी ने मंच से कहा कि वो खुद किसान परिवार से हैं और खेतों में पिता के साथ काम कर चुके हैं। वो किसानों की मेहनत और दिक्कतों को अच्छे से समझते हैं। इसलिए उनकी सरकार हर किसान तक मदद पहुँचाने के लिए दिन-रात काम कर रही है। ये योजना 8 सितंबर 2024 को शुरू हुई थी, जिसके तहत पहले 46 लाख किसानों को 925 करोड़ रुपये दिए गए थे। अब इसका दायरा और बढ़ गया है।

किसानों के लिए बड़े वादे

मांझी सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। सबसे बड़ा कदम है धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 3100 रुपये प्रति क्विंटल करना। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने MSP बढ़ाने का सिर्फ वादा किया, लेकिन उनकी सरकार ने आते ही इसे लागू कर दिखाया। 8 दिसंबर 2024 को बरगढ़ जिले के सोहेला में 16,000 से ज्यादा किसानों को 66 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मदद दी गई, ताकि उन्हें धान के लिए 800 रुपये प्रति क्विंटल की अतिरिक्त राशि मिले।

इसके अलावा, सरकार अगले पाँच सालों में 15 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई सुविधा से जोड़ने की योजना बना रही है। इसके लिए 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा। इससे किसानों को पानी की कमी नहीं झेलनी पड़ेगी और उनकी फसल की पैदावार बढ़ेगी। हर सबडिविजन में कोल्ड स्टोरेज बनाने की योजना भी है, ताकि फल-सब्जियाँ खराब न हों और किसानों को सही दाम मिले।

मछली पालन, पशुपालन और मुर्गी पालन को बढ़ावा

किसानों की कमाई सिर्फ खेती तक सीमित न रहे, इसके लिए मांझी सरकार मछली पालन, पशुपालन, मुर्गी पालन और बत्तख पालन को बढ़ावा दे रही है। इनके लिए सब्सिडी और छूट दी जा रही है। 2025-26 के बजट में मछली पालन के लिए 245 करोड़ रुपये (मुख्यमंत्री मत्स्यजीवी कल्याण योजना) और पशुपालन के लिए 171 करोड़ रुपये (प्राणी संपद समृद्धि योजना) का प्रावधान है। दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री कामधेनु योजना के तहत 164 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इन योजनाओं से किसान भाई खेती के साथ-साथ दूसरी कमाई के रास्ते बना सकते हैं।

शहरी किसानों को नया सहारा

शहरी इलाकों में खेती करने वाले किसानों को अक्सर सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता था। लेकिन CM-KISAN योजना ने इस बार 25,000 शहरी किसानों को भी शामिल करके एक नया इतिहास रचा। ये किसान अब बीज, खाद और उपकरण खरीदने के लिए 2000 रुपये की मदद पाएंगे। इससे शहरों में छोटे-छोटे खेतों और छतों पर खेती करने वालों को बड़ा सहारा मिलेगा।

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  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं krishitak.com पर लेखक हूं, जहां मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाओं पर केंद्रित आर्टिकल लिखता हूं। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ, मैं पाठकों को लेटेस्ट और उपयोगी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं।

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