किसानों के हित में हमेशा काम करने वाली केंद्र सरकार एक बार फिर नई पहल के साथ सामने आई है। हाल ही में दिल्ली में हुई एक अहम बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अधिकारियों के साथ बागवानी विज्ञान प्रभाग की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अब समय आ गया है कि ICAR अपना पूरा ध्यान बागवानी में प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ाने पर लगाए।
यह बात उन्होंने आज 2 मई 2025 को आयोजित इस समीक्षा बैठक में कही, जिसमें ICAR के कई बड़े अधिकारी और कृषि विशेषज्ञ मौजूद थे। इस खबर से देश भर के किसान भाइयों में नई उम्मीद जगी है, क्योंकि बागवानी की फसलों से उनकी आमदनी बढ़ने की राह खुल सकती है।
बागवानी में उत्पादन बढ़ाने की जरूरत
शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में कहा कि बागवानी फसलों जैसे फल, सब्जियाँ, फूल और मसालों की खेती आज के समय में किसानों के लिए मुनाफे का बड़ा जरिया बन सकती है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि प्रति हेक्टेयर उत्पादन को बढ़ाया जाए। उन्होंने ICAR से कहा कि हमें ऐसी तकनीक और अनुसंधान पर काम करना होगा, जिससे कम जमीन में ज्यादा पैदावार हो।
कई किसान बागवानी की खेती करते हैं, लेकिन कम उत्पादन की वजह से उन्हें सही दाम नहीं मिल पाता। शिवराज सिंह चौहान का यह बयान उन किसानों के लिए बड़ी राहत की बात है, जो बागवानी से अपनी आजीविका चलाते हैं। बैठक में मौजूद ICAR के अधिकारियों ने इस बात पर सहमति जताई कि बागवानी क्षेत्र में अनुसंधान को और तेज करना होगा।
ICAR की भूमिका पर जोर
केंद्रीय मंत्री ने ICAR को देश की खेती का रीढ़ बताते हुए कहा कि इस संस्था की जिम्मेदारी है कि वह किसानों तक नई तकनीक और जानकारी पहुँचाए। उन्होंने कहा कि ICAR को बागवानी विज्ञान प्रभाग के साथ मिलकर ऐसी फसल प्रजातियाँ और खेती के तरीके विकसित करने चाहिए, जो कम पानी और कम लागत में ज्यादा पैदावार दे सकें। पानी की कमी और बढ़ती लागत आज किसानों की सबसे बड़ी परेशानी है। ऐसे में अगर ICAR इस दिशा में काम करता है, तो किसानों को बागवानी फसलों से ज्यादा मुनाफा होगा। शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा कि ICAR को एकजुट होकर काम करना चाहिए, ताकि देश भर के किसानों को इसका फायदा मिले।
किसानों के लिए नई उम्मीद
यह बैठक इसलिए भी खास थी, क्योंकि इसमें बागवानी के साथ-साथ किसानों की समस्याओं पर भी बात हुई। बागवानी फसलों की माँग आज शहरों में तेजी से बढ़ रही है। फल, सब्जियाँ और फूलों की खेती से न सिर्फ किसानों की आमदनी बढ़ती है, बल्कि गाँव की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होती है। लेकिन कम उत्पादन की वजह से कई बार किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है।
शिवराज सिंह चौहान ने ICAR से कहा कि हमें ऐसी तकनीक लानी होगी, जिससे किसान कम जमीन में ज्यादा फसल उगा सकें। उन्होंने यह भी जोर दिया कि बागवानी फसलों की गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा, ताकि किसानों को बाजार में अच्छा दाम मिले। गाँव के किसान भाई बताते हैं कि अगर उत्पादन बढ़ेगा, तो उनकी मेहनत का सही दाम मिलेगा और खेती करना आसान हो जाएगा।
सरकार का किसानों को समर्थन
शिवराज सिंह चौहान ने इस बैठक में यह भी बताया कि केंद्र सरकार किसानों के हित में लगातार काम कर रही है। ICAR के साथ मिलकर कई ऐसी योजनाएँ बनाई जा रही हैं, जो बागवानी को बढ़ावा देंगी। सरकार पहले से ही पॉलीहाउस, ड्रिप इरिगेशन और जैविक खेती के लिए सब्सिडी दे रही है। अब ICAR के जरिए बागवानी में नई तकनीक लाने की तैयारी है।
कई किसान बागवानी की खेती करना चाहते हैं, लेकिन जानकारी और संसाधनों की कमी की वजह से पीछे रह जाते हैं। शिवराज सिंह चौहान ने ICAR को सलाह दी कि वह किसानों तक सीधे पहुँच बनाए और उनकी समस्याओं को समझे। इससे न सिर्फ बागवानी को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि किसानों की जिंदगी में भी बदलाव आएगा।
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