उत्तर प्रदेश की योगी सरकार यमुना एक्सप्रेसवे को विश्वस्तरीय आवासीय और व्यावसायिक सुविधाओं का केंद्र बनाने के लिए तेजी से काम कर रही है। इसी दिशा में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने सेक्टर-18 (पॉकेट 9बी) में एक नई रिहाइशी स्कीम शुरू की है। इस स्कीम के तहत 200 वर्ग मीटर के 276 भूखंडों का आवंटन किया जाएगा। यह योजना उन लोगों के लिए सुनहरा अवसर है जो जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नजदीक प्राइम लोकेशन पर अपना घर बनाना चाहते हैं। आइए, इस स्कीम के बारे में विस्तार से जानते हैं, जिसमें आवेदन प्रक्रिया, पात्रता, लागत और मुनाफे की संभावनाएं शामिल हैं।
यीडा की रिहाइशी स्कीम क्यों है खास
यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र तेजी से विकास कर रहा है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क और एफ-1 रेस ट्रैक जैसी परियोजनाएं इस क्षेत्र को निवेश और आवास के लिए आकर्षक बना रही हैं। यीडा की यह नई स्कीम सेक्टर-18 में स्थित है, जो कनेक्टिविटी और बुनियादी सुविधाओं के लिहाज से बेहतरीन है। यहाँ से यमुना एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और प्रस्तावित परियोजनाओं तक आसानी से पहुँचा जा सकता है। इस स्कीम में भूखंड 90 साल की लीज पर दिए जाएंगे, जो दीर्घकालिक निवेश के लिए भी उपयुक्त है।
भूखंडों का वर्गीकरण और आरक्षण
इस स्कीम में भूखंडों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है, ताकि सभी वर्गों को लाभ मिल सके। कुल 276 भूखंडों का बंटवारा इस प्रकार है:
किसान वर्ग: जिन किसानों की जमीन यीडा या जेवर एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहित की गई है, उनके लिए 17.5% यानी 48 भूखंड आरक्षित हैं। यह कदम सामाजिक संतुलन और पुनर्वास को सुनिश्चित करता है।
औद्योगिक इकाइयाँ: यीडा क्षेत्र में सक्रिय और मान्यता प्राप्त औद्योगिक इकाइयों के लिए 5% यानी 14 भूखंड आरक्षित हैं।
सामान्य वर्ग: बाकी 77.5% यानी 214 भूखंड सामान्य आवेदकों के लिए उपलब्ध हैं।
यह आरक्षण नीति न केवल पारदर्शी है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को प्राथमिकता देती है।
आवेदन प्रक्रिया और महत्वपूर्ण तारीखें
यीडा ने आवेदन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाया है। आवेदन करने के लिए निम्नलिखित बातें ध्यान रखें:
आवेदन की अवधि: आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 21 मई 2025 तक यीडा की आधिकारिक वेबसाइट (www.yamunaexpresswayauthority.com) पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
आवंटन प्रक्रिया: भूखंडों का आवंटन 11 सितंबर 2025 को लॉटरी ड्रॉ के माध्यम से होगा। ड्रॉ की तारीख और स्थान की जानकारी आवेदकों को ईमेल और एसएमएस के जरिए दी जाएगी।
आवेदन शुल्क: आवेदन के लिए 600 रुपये का शुल्क देना होगा।
पंजीकरण शुल्क: सामान्य वर्ग के लिए 7 लाख रुपये और एससी/एसटी वर्ग के लिए 3.5 लाख रुपये निर्धारित किया गया है।
आवेदकों को स्कीम का ब्रोशर और दिशा-निर्देश यीडा की वेबसाइट पर मिल जाएंगे। बैंकिंग पार्टनर के रूप में आईसीआईसीआई और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) इस प्रक्रिया को सपोर्ट कर रहे हैं।
भूखंड की लागत और निवेश की संभावना
यीडा ने इन भूखंडों की कीमत 35,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर निर्धारित की है। 200 वर्ग मीटर के एक भूखंड की अनुमानित कीमत करीब 70 लाख रुपये होगी। इसके अलावा, पंजीकरण शुल्क और अन्य खर्च जोड़कर कुल लागत का अनुमान लगाया जा सकता है। यह क्षेत्र जेवर एयरपोर्ट और अन्य मेगा प्रोजेक्ट्स के कारण तेजी से विकसित हो रहा है, जिससे भविष्य में संपत्ति की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है। दीर्घकालिक निवेश के लिए यह स्कीम एक शानदार अवसर है।
किसानों और निवेशकों के लिए सलाह
अगर आप इस स्कीम में आवेदन करने की सोच रहे हैं, तो कुछ बातें ध्यान में रखें। सबसे पहले, यीडा की वेबसाइट पर उपलब्ध ब्रोशर और नियमों को ध्यान से पढ़ें। किसान वर्ग के लिए यह स्कीम विशेष रूप से फायदेमंद है, क्योंकि उनकी जमीन अधिग्रहण के बदले उन्हें प्राथमिकता दी जा रही है। सामान्य निवेशकों के लिए भी यह क्षेत्र भविष्य में मुनाफा देने की क्षमता रखता है, क्योंकि यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। आवेदन से पहले अपने बजट और निवेश लक्ष्यों का आकलन करें।
यमुना एक्सप्रेसवे के इस क्षेत्र में विकास की रफ्तार को देखते हुए, यह स्कीम न केवल घर बनाने का सपना पूरा कर सकती है, बल्कि निवेश के लिहाज से भी फायदेमंद साबित हो सकती है। समय रहते आवेदन करें और इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाएं।
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