सॉफ्टवेयर इंजीनियर से बना किसान बिना निराई-गुड़ाई प्याज की खेती से कमाए 21 लाख

Onion Farming: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक ऐसा किसान है, जिसकी खेती का तरीका देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। हम बात कर रहे हैं बसंतपुर के दुष्यंत कुमार सिंह की, जिन्होंने कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की चमक-दमक वाली नौकरी छोड़कर खेती को चुना। दुष्यंत ने बीटेक करने के बाद बेंगलुरु में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की नौकरी की, लेकिन उनका मन वहाँ नहीं लगा। उनकी मुलाकात प्राकृतिक खेती के जनक सुभाष पालेकर से हुई, जिनसे प्रेरित होकर उन्होंने अपने गाँव लौटकर खेती शुरू की। आज उनकी मेहनत और अनोखा तरीका हर किसी को हैरान कर रहा है।

बिना निराई-गुड़ाई के प्याज की बंपर पैदावार

दुष्यंत ने हाल ही में 10 एकड़ में गौरान किस्म के प्याज की खेती की है, वो भी पूरी तरह प्राकृतिक तरीके से। खास बात यह है कि उन्होंने इस खेत में एक बार भी निराई-गुड़ाई नहीं की। यह उनकी पहली बार प्याज की खेती है, फिर भी पैदावार और गुणवत्ता देखकर सब दंग हैं। दुष्यंत ने मल्चिंग तकनीक का इस्तेमाल किया, जिसमें खेत में धान के अवशेष और घास-पात को रहने दिया गया। इससे मिट्टी की नमी बनी रही और खरपतवार भी कम हुए। बलिया की उपजाऊ मिट्टी ने भी उनकी मेहनत को रंग दिखाया। उनके प्याज का आकार बड़ा और स्वाद शानदार है, जो बाजार में रासायनिक प्याज से अलग पहचान बनाएगा।

प्राकृतिक खेती का देसी जादू

दुष्यंत अपनी खेती में किसी भी रासायनिक खाद या दवा का इस्तेमाल नहीं करते। उनके पास 17 देसी गायें हैं, जिनके गोबर, गोमूत्र, दूध, दही और घी से वे पंचगव्य, जीवामृत, बीजामृत और कंपोस्ट खाद बनाते हैं। ये खाद मिट्टी को ताकत देती हैं और फसल को रोगों से बचाती हैं। दुष्यंत का कहना है कि प्राकृतिक खेती न सिर्फ सस्ती है, बल्कि मिट्टी और पर्यावरण को भी स्वस्थ रखती है। उनकी फसल में कोई जहरीला केमिकल नहीं होता, जिससे ग्राहकों को सेहतमंद प्याज मिलता है। यह तरीका न सिर्फ उनकी जेब भर रहा है, बल्कि धरती को भी बचा रहा है।

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10 एकड़ से 21 लाख का मुनाफा

दुष्यंत की प्याज की खेती ने कमाल कर दिखाया है। वे बताते हैं कि एक एकड़ में 60 से 70 क्विंटल प्याज की पैदावार हो रही है। यानी 10 एकड़ में करीब 70,000 किलो प्याज का उत्पादन होगा। बाजार में प्याज का दाम अभी 30 रुपये प्रति किलो चल रहा है। इस हिसाब से उन्हें 21 लाख रुपये तक का मुनाफा मिल सकता है। पहली बार प्याज की खेती में इतनी बंपर पैदावार और मुनाफा देखकर दुष्यंत बेहद खुश हैं। उन्होंने पौधों के बीच थोड़ी ज्यादा दूरी रखी थी, फिर भी नतीजे शानदार हैं।

दुष्यंत की खेती ने न सिर्फ उनकी जिंदगी बदली, बल्कि कई लोगों को रोजगार भी दिया। उन्होंने 7 से 10 लोगों को स्थायी काम दिया है, और मौसम के हिसाब से और मजदूरों को भी रोजगार मिलता है। उनकी खेती का तरीका देखकर आसपास के किसान भी प्रेरित हो रहे हैं। दुष्यंत का मानना है कि अगर युवा खेती को अपनाएँ और प्राकृतिक तरीकों से काम करें, तो यह न सिर्फ फायदे का धंधा बनेगा, बल्कि गाँवों में रोजगार के नए रास्ते भी खुलेंगे।

दूसरों के लिए प्रेरणा

दुष्यंत की कहानी हर उस किसान के लिए प्रेरणा है, जो खेती को नया रूप देना चाहता है। वे सलाह देते हैं कि खेती में हमेशा विशेषज्ञों से राय लें और प्राकृतिक तरीकों को अपनाएँ। मल्चिंग और जैविक खाद का इस्तेमाल हर फसल में फायदा दे सकता है। दुष्यंत कहते हैं कि खेती में मेहनत और धैर्य चाहिए, लेकिन यह नौकरी से ज्यादा संतुष्टि देती है। उनकी सलाह है कि छोटे स्तर से शुरुआत करें और धीरे-धीरे खेती को बढ़ाएँ।

दुष्यंत कुमार सिंह ने प्राकृतिक खेती को नया आयाम दिया है। बिना निराई-गुड़ाई के प्याज की बंपर पैदावार और 21 लाख तक का मुनाफा उनकी मेहनत का सबूत है। प्राकृतिक खेती का उनका तरीका न सिर्फ मिट्टी और पर्यावरण को बचाता है, बल्कि किसानों को सस्ते और फायदेमंद रास्ते दिखाता है। अगर आप भी खेती में कुछ नया करना चाहते हैं, तो दुष्यंत की तरह प्राकृतिक खेती आजमाएँ और अपनी मेहनत से लाखों की कमाई करें।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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