Hybrid Okra SV990018: किसान भाइयों, भिन्डी भारतीय रसोई और बाजारों की एक प्रमुख सब्जी है, जिसकी माँग साल भर बनी रहती है। उत्तर प्रदेश, बिहार, और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भिन्डी की खेती किसानों के लिए आय का महत्वपूर्ण स्रोत है। भिन्डी की हाइब्रिड वैरायटी SV990018 अपनी उच्च उपज, रोग प्रतिरोधक क्षमता, और बाजार में अच्छी माँग के कारण तेजी से लोकप्रिय हो रही है। यह वैरायटी कम लागत में अधिक मुनाफा देती है और गर्म व आर्द्र जलवायु में उपयुक्त है। यह लेख SV990018 वैरायटी की विशेषताओं, खेती की प्रक्रिया, बीज आपूर्तिकर्ता, कीट व रोग नियंत्रण, लागत, और मुनाफे पर विस्तृत जानकारी देगा।
SV990018 वैरायटी की विशेषताएँ
SV990018 एक हाइब्रिड भिन्डी वैरायटी है, जो गहरे हरे, चिकने, और 10-12 सेमी लंबे फलों के लिए जानी जाती है। इसके पौधे मध्यम ऊँचाई (3-4 फीट) के होते हैं और 2-3 उत्पादक शाखाएँ विकसित करते हैं, जिससे प्रति पौधा 20-25 फल प्राप्त होते हैं। यह वैरायटी बुवाई के 45-50 दिनों में पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है, जो इसे अगेती फसल के लिए आदर्श बनाती है। इसके फल बाजार में लंबे समय तक ताजे रहते हैं, जिससे परिवहन और बिक्री में आसानी होती है।
यह वैरायटी पीला मोज़ेक वायरस (YVMV) के प्रति मध्यम सहनशीलता दिखाती है, जो उत्तर भारत में भिन्डी की खेती की प्रमुख समस्या है। यह गर्मी (25-35 डिग्री सेल्सियस) और आर्द्र जलवायु में अच्छी उपज देती है, जो उत्तर प्रदेश, बिहार, और मध्य प्रदेश की ग्रीष्म और वर्षा ऋतु के लिए उपयुक्त है। इसके फल चिकने और आकर्षक होने के कारण स्थानीय मंडियों और निर्यात बाजारों में अच्छा मूल्य प्राप्त करते हैं। SV990018 की एक और विशेषता यह है कि इसके पौधे कम पानी और उर्वरक में भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं, जिससे लागत कम रहती है।
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खेती की प्रक्रिया और प्रबंधन
SV990018 वैरायटी की खेती के लिए दोमट या रेतीली दोमट मिट्टी, जिसका pH 6.0-7.0 हो, और अच्छा जल निकास सबसे उपयुक्त है। बीज को बुवाई से पहले 24 घंटे पानी में भिगोएँ और कार्बेन्डाजिम (2 ग्राम/किलो बीज) से उपचारित करें। प्रति एकड़ 2.5-3 किलो बीज पर्याप्त हैं। बुवाई मेड़ों पर करें, जहाँ मेड़ से मेड़ की दूरी 45 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 15-20 सेमी हो। उत्तर प्रदेश और बिहार में ग्रीष्मकालीन बुवाई के लिए फरवरी-मार्च और वर्षा ऋतु के लिए जून-जुलाई उपयुक्त समय है। मध्य प्रदेश में मार्च- अप्रैल और जुलाई-अगस्त में बुवाई की जाती है। बुवाई के बाद हल्की सिंचाई करें।
उर्वरक प्रबंधन में बेसल डोज के रूप में प्रति एकड़ 20 किलो डीएपी, 10 किलो MOP, और 2 किलो ह्यूमिक एसिड डालें। बुवाई के 25-30 दिन बाद यूरिया (15 किलो), मैग्नीशियम सल्फेट (10 किलो), और MOP (5 किलो) का छिड़काव करें। फूल आने से पहले 19:19:19 (4-5 ग्राम/लीटर पानी) का छिड़काव करें। यह फूलों की संख्या बढ़ाता है और फल बनने की प्रक्रिया को तेज करता है। खरपतवार नियंत्रण के लिए बुवाई के 48 घंटे बाद लासो (4 लीटर/हेक्टेयर) का छिड़काव करें और 15-20 दिन बाद पहली निराई-गुड़ाई करें।
कीट और रोग नियंत्रण कैसे करें
Hybrid Okra SV990018 वैरायटी में फल मक्खी, थ्रिप्स, और भुनगा प्रमुख कीट हैं। फल मक्खी फलों को नुकसान पहुँचाती है, जिससे वे बाजार में बिक्री योग्य नहीं रहते। इसके नियंत्रण के लिए मिथाइल यूजेनॉल ट्रैप (8-10 प्रति एकड़) 1.5-2 मीटर ऊँचाई पर लगाएँ। ट्रैप को हर 15-20 दिन में जाँचें और आवश्यकतानुसार बदलें। थ्रिप्स और भुनगा के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL (0.3 मिली/लीटर) या थियामेथोक्सम 25% WG (0.3 ग्राम/लीटर) का छिड़काव करें। छिड़काव सुबह या देर दोपहर करें, ताकि परागण करने वाली मक्खियाँ प्रभावित न हों।
पीला मोज़ेक वायरस (YVMV) SV990018 में कम प्रभाव डालता है, लेकिन पूर्ण सुरक्षा के लिए कात्यायनी समर्था (कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% WP, 350 ग्राम/एकड़) का उपयोग करें। यह वायरस सफेद मक्खी द्वारा फैलता है, इसलिए नीम तेल (5 मिली/लीटर) का छिड़काव सफेद मक्खी को नियंत्रित करता है। पर्ण झुलसा रोग से बचाव के लिए मैंकोजेब (2 ग्राम/लीटर) का छिड़काव हर 10-15 दिन में करें। नियमित निगरानी और प्रभावित पौधों को हटाने से रोग फैलने की संभावना कम होती है। ICAR और KVK विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि जैविक कीटनाशक, जैसे नीम तेल और जैविक खाद, का उपयोग करने से मृदा स्वास्थ्य और फसल की गुणवत्ता बनी रहती है।
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बीज कहाँ से प्राप्त करें
SV990018 वैरायटी के बीज विभिन्न कृषि स्टोर और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। उत्तर प्रदेश में लखनऊ, बाराबंकी, और कानपुर के स्थानीय बीज विक्रेता इस वैरायटी को बेचते हैं। बिहार में पटना और भागलपुर के कृषि केंद्रों पर बीज मिलते हैं। मध्य प्रदेश में इंदौर, भोपाल, और जबलपुर के बीज आपूर्तिकर्ता SV990018 प्रदान करते हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, जैसे AgriBegri, Krishi Seva Kendra, और Katyayani Krishi Direct, उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराते हैं। इन प्लेटफॉर्म पर 250 ग्राम बीज की कीमत 500-700 रुपये है, और मुफ्त डिलीवरी की सुविधा भी मिलती है।web:1,14,15
किसान स्थानीय KVK या ICAR संस्थानों, जैसे CISH लखनऊ या IIVR वाराणसी, से संपर्क कर सकते हैं। ये संस्थान बीज आपूर्ति के साथ-साथ प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता भी प्रदान करते हैं। राष्ट्रीय बागवानी मिशन (NHM) के तहत बीज खरीद पर 25-50% सब्सिडी उपलब्ध है, जिसके लिए स्थानीय उद्यान विभाग से संपर्क करें। बीज खरीदते समय पैकेट पर वैरायटी का नाम, समाप्ति तिथि, और प्रमाणन जाँच लें।
लागत और मुनाफे का गणित
SV990018 वैरायटी की खेती की लागत प्रति एकड़ 20,000-25,000 रुपये है। इसमें बीज (2000-3000 रुपये), गोबर खाद और उर्वरक (7000-8000 रुपये), मजदूरी (5000-6000 रुपये), कीटनाशक और छिड़काव (4000-5000 रुपये), और सिंचाई (2000-3000 रुपये) शामिल हैं। ड्रिप सिंचाई का उपयोग करने पर प्रारंभिक लागत 10,000-15,000 रुपये अतिरिक्त हो सकती है, लेकिन यह लंबे समय में पानी और श्रम की बचत करता है।
इस वैरायटी से प्रति एकड़ 80-100 क्विंटल उपज प्राप्त हो सकती है। सामान्य बाजार मूल्य 20-30 रुपये प्रति किलो है, जो स्थानीय मंडियों और माँग के आधार पर 40-50 रुपये तक हो सकता है। इससे प्रति एकड़ 1,60,000-2,50,000 रुपये की आय संभव है। लागत निकालने के बाद 1,35,000-2,25,000 रुपये का शुद्ध मुनाफा प्राप्त हो सकता है। जैविक भिन्डी की माँग बढ़ने से मुनाफा और अधिक हो सकता है। यदि किसान e-NAM पोर्टल या स्थानीय मंडियों में सीधे बिक्री करते हैं, तो मध्यस्थों का खर्च बचता है।
किसानो के लिए ख़ास सलाह
तो किसान भाइयो भिन्डी की वैरायटी SV990018आपके लिए एक लाभकारी विकल्प है। इसकी उच्च उपज, रोग प्रतिरोधक क्षमता, और कम लागत इसे छोटे और सीमांत किसानों के लिए आदर्श बनाती है। सही खेत तैयारी, उर्वरक प्रबंधन, कीट नियंत्रण, और विश्वसनीय बीज आपूर्तिकर्ताओं का चयन करके किसान प्रति एकड़ 1.5-2.25 लाख रुपये का मुनाफा कमा सकते हैं।
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