Crop Production: धान, गेहूं और मक्का का ऐतिहासिक उत्पादन, सरकार ने जारी किए चौंकाने वाले आंकड़े

इस बार देश के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है! केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि 2024-25 में भारत का खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 3539.59 लाख मीट्रिक टन तक पहुँच गया है। यह पिछले साल के 3322.98 लाख टन के मुकाबले 6.5 फीसदी ज्यादा है। यानी इस बार 216.61 लाख टन की शानदार बढ़ोतरी हुई है। यह कमाल आप किसानों की मेहनत, कृषि वैज्ञानिकों की नई तकनीकों, और केंद्र सरकार की किसान-हितैषी योजनाओं का नतीजा है। देश का अनाज भंडार लबालब है, और यह हर किसान के लिए गर्व की बात है।

प्रमुख फसलों ने बनाया नया कीर्तिमान

इस साल कई प्रमुख फसलों ने उत्पादन में नया रिकॉर्ड बनाया है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि धान, गेहूं, मक्का, मूंगफली, और सोयाबीन की पैदावार ने सारे पुराने आंकड़े तोड़ दिए हैं। धान का उत्पादन 1490.74 लाख टन तक पहुँचा है, जो पिछले साल से कहीं ज्यादा है। गेहूं की फसल भी 1175.07 लाख टन के साथ शानदार रही। मक्का ने 422.81 लाख टन का आंकड़ा छुआ, जबकि मूंगफली 118.96 लाख टन और सोयाबीन 151.80 लाख टन तक पहुँची। इसके अलावा तूर, चना, बाजरा, गन्ना, और कपास जैसी फसलों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। यह खबर हर उस किसान के लिए खुशी का मौका है, जो दिन-रात खेतों में मेहनत करता है।

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खरीफ सीजन में बुवाई का रकबा बढ़ा

इस बार खरीफ मौसम में बुवाई का क्षेत्रफल भी बढ़ा है। धान, मक्का, बाजरा, मूंग, सोयाबीन, और गन्ना जैसी फसलों की बुवाई के लिए ज्यादा खेतों का इस्तेमाल हुआ। इसका सीधा असर पैदावार पर दिखा है। अच्छी बारिश और सरकार की योजनाओं ने किसानों को समय पर बुवाई करने में मदद की। खासकर सोयाबीन और मूंगफली की खेती में इस बार अच्छी बढ़ोतरी देखी गई। मॉनसून की मेहरबानी और वैज्ञानिकों की सलाह ने खेतों को हरा-भरा रखा। अगर आप भी खरीफ फसलों की बुवाई कर रहे हैं, तो अपने नजदीकी कृषि केंद्र से ताजा जानकारी लेते रहें।

सरकार की योजनाएँ बनीं किसानों की ताकत

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों के लिए कई शानदार योजनाएँ चलाई हैं। किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) से सस्ते ब्याज पर लोन मिल रहा है, जिससे किसान आसानी से बीज, खाद, और औजार खरीद सकते हैं। ड्रॉप-मोर क्रॉप योजना के तहत पानी का सही इस्तेमाल हो रहा है। मैकेनाइजेशन यानी मशीनों का उपयोग बढ़ने से खेती आसान हुई है। सस्ती खाद और उर्वरक सब्सिडी ने लागत घटाई है। सबसे खास है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan), जिसके तहत किसानों को हर साल सीधे बैंक खाते में पैसे मिल रहे हैं। इन योजनाओं ने न सिर्फ उत्पादन बढ़ाया, बल्कि किसानों की जेब भी भरी है।

दलहन और तिलहन में भी शानदार उछाल

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि दलहन और तिलहन की फसलों में भी अच्छी बढ़ोतरी हुई है। इस बार तिलहन का कुल उत्पादन 426.09 लाख टन तक पहुँचने का अनुमान है। इसमें मूंगफली और सोयाबीन का बड़ा योगदान है। तूर और चना जैसी दलहन फसलों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। सरकार का लक्ष्य है कि दलहन और तिलहन का उत्पादन और बढ़े, ताकि देश को तेल और दालों के लिए आयात पर कम निर्भर होना पड़े। इसके लिए वैज्ञानिकों के साथ मिलकर नई किस्मों पर काम हो रहा है, जो कम समय में ज्यादा पैदावार दें। अगर आप इन फसलों की खेती करते हैं, तो नई तकनीकों और बीजों की जानकारी लेना न भूलें।

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  • Shashikant

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