जून और जुलाई का महीना किसान भाइयों के लिए खेती की नई शुरुआत का समय है। इस समय मानसून की पहली बारिश मिट्टी को तर कर देती है, जो बेल वाली सब्जियों की खेती के लिए बहुत मुफीद है। परवल, भिंडी, तुरई, बरबटी और कद्दू जैसी सब्जियां कम समय में तैयार हो जाती हैं और बार-बार फल देती हैं। इनकी खास बात ये है कि बाजार में इनकी मांग हमेशा बनी रहती है।
गाँव के बाजार हों या शहर की मंडी, इन सब्जियों के अच्छे दाम मिलते हैं। एक बीघा खेत से किसान भाई 60 से 80 हजार रुपये तक कमा सकते हैं, वो भी कम लागत में। ये मौसम खरीफ सीजन की शुरुआत का है, और इस समय सही फसल चुनना मुनाफे का रास्ता खोल देता है।
परवल की खेती से बंपर कमाई
परवल की खेती किसानों के लिए किसी खजाने से कम नहीं। एक बार बेल लगाने के बाद ये दो-तीन महीने तक फल देती रहती है। बाजार में परवल 40 से 80 रुपये किलो तक बिकता है। खेत को तैयार करने के लिए पहले अच्छे से जुताई कर लें। गोबर की खाद या जैविक खाद डालें, ताकि मिट्टी की ताकत बढ़े। बेलों को सहारा देने के लिए बांस या जाली का इंतजाम करें। बारिश के पानी का सही इस्तेमाल करें और समय-समय पर खरपतवार हटाते रहें। कीटों से बचाव के लिए देसी नुस्खे, जैसे नीम का तेल, आजमाएं। अगर इन बातों का ध्यान रखा जाए, तो परवल की खेती से अच्छा मुनाफा मिल सकता है।
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भिंडी, तुरई और बरबटी का जलवा
भिंडी और तुरई भी कम समय में तैयार होने वाली फसलें हैं। ये सब्जियां गर्मी और नमी दोनों में अच्छा बढ़ती हैं। जून-जुलाई में इनकी बुआई करने से जल्दी फसल मिलती है, और बाजार में इनके दाम भी अच्छे रहते हैं। बरबटी की खेती भी आसान है और ये मिट्टी को पोषण देने में भी मदद करती है। इन फसलों की देखभाल के लिए ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं। बस खेत में पानी का ठहराव न होने दें और समय पर खाद डालें। इन सब्जियों की खेती छोटे किसानों के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि ये कम जगह में भी अच्छी उपज देती हैं।
मुनाफा कैसे बढ़ाएं
इन सब्जियों को बेचने के लिए गाँव की मंडी, शहर के रिटेल दुकानदार या होटल वाले अच्छे खरीदार हो सकते हैं। अगर किसान भाई मिलकर समूह में खेती करें, तो थोक में बेचने से ज्यादा फायदा होगा। बाजार में हमेशा ताजी और अच्छी क्वालिटी की सब्जियां भेजें, ताकि ग्राहक बार-बार आपसे ही खरीदें। कृषि विशेषज्ञ मानते हैं कि बेल वाली सब्जियां कम लागत में ज्यादा मुनाफा देती हैं। ये फसलें न सिर्फ आत्मनिर्भर बनाती हैं, बल्कि गाँव के किसानों को बाजार में अपनी मजबूत जगह बनाने का मौका भी देती हैं।
खेती के लिए देसी सलाह
खेती शुरू करने से पहले मिट्टी की जांच कर लें। गोबर की खाद और देसी कीटनाशक का इस्तेमाल करें, ताकि फसल स्वस्थ रहे। बेलों को सहारा देने के लिए बांस या रस्सी का जुगाड़ करें। बारिश ज्यादा हो तो खेत में पानी जमा न होने दें। अपने आसपास के किसान भाइयों से बात करें और उनके अनुभव से सीखें। जून-जुलाई में बेल वाली सब्जियों की खेती न सिर्फ मुनाफा देती है, बल्कि आपके खेत को हरा-भरा और बाजार को रंगीन बनाती है।
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