Nati Mansuri Dhan: प्री-मानसून की बारिश शुरू होते ही गाँवों में खेत-खलिहान गुलज़ार हो गए हैं। किसान भाई खरीफ सीजन के लिए धान की खेती की तैयारी में जुट गए हैं। अगर आप सूखे इलाकों में धान की खेती करना चाहते हैं, तो नाटी मंसूरी धान (Nati Mansuri Dhan) की किस्म आपके लिए वरदान साबित हो सकती है। यह किस्म ना सिर्फ अच्छी उपज देती है, बल्कि बाजार में इसकी अच्छी कीमत भी मिलती है। कम पानी और रोगों से लड़ने की ताकत के कारण यह किसान भाइयों की पहली पसंद बन रही है। आइए जानते हैं कि नाटी मंसूरी की खेती कैसे आपके खेतों को सोना उगलने वाला बना सकती है।
नाटी मंसूरी की खासियत
नाटी मंसूरी धान (Nati Mansuri Dhan) की किस्म सूखे इलाकों के लिए खासतौर पर तैयार की गई है। जिला कृषि अधिकारि राजितराम के मुताबिक, यह किस्म जून में बोने के लिए सबसे सही है। इसके पौधे 90-92 सेमी ऊँचे और मजबूत होते हैं, जिससे फसल गिरने का डर नहीं रहता। इसके दाने पतले, लंबे और चमकदार होते हैं, जो बाजार में खूब पसंद किए जाते हैं।
इसकी सबसे बड़ी खूबी है कि यह कम पानी में भी अच्छी उपज देती है। एक हेक्टेयर में इसकी खेती से 60 से 70 क्विंटल धान मिल सकता है। यानी छोटे खेत में भी बंपर मुनाफा। यह फसल 150 से 160 दिनों में पककर तैयार हो जाती है, जो किसानों को जल्दी कमाई का मौका देती है।
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खेती के लिए सही मिट्टी और तैयारी
नाटी मंसूरी की खेती के लिए चिकनी या चिकनी दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। ऐसी मिट्टी में जल निकासी अच्छी होती है, जो इस फसल के लिए जरूरी है। बुवाई से पहले खेत की गहरी जुताई करें, ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए। खेत में गोबर की खाद या जैविक खाद डालें, इससे पौधों को पूरा पोषण मिलता है। अगर मिट्टी की जाँच करवाएँ, तो जिंक या बोरॉन जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व डाल सकते हैं। बुवाई से पहले बीज को कार्बेन्डाजिम जैसे फफूंदनाशक से उपचारित करें, ताकि जड़ों की बीमारियाँ ना लगें। एक एकड़ खेत के लिए 8-10 किलो बीज काफी है। बीज को 24 घंटे पानी में भिगोकर बोएँ, इससे अंकुरण तेजी से होता है।
कम पानी, ज्यादा मुनाफा
सूखे इलाकों में धान की खेती में सबसे बड़ी मुश्किल है पानी की कमी। लेकिन नाटी मंसूरी इस समस्या का हल है। यह किस्म कम पानी में भी अच्छी फसल देती है। साथ ही, यह रोगों से भी कम प्रभावित होती है, जिससे कीटनाशकों का खर्च बचता है। बाजार में इसके चमकदार और पतले दानों की अच्छी कीमत मिलती है, क्योंकि ग्राहक इसे खूब पसंद करते हैं। जून में बुवाई करने के बाद यह फसल अक्टूबर-नवंबर तक तैयार हो जाती है। इसकी मजबूत बनावट के कारण हवा या बारिश में भी फसल को नुकसान कम होता है।
किसानों के लिए सलाह
अगर आप इस खरीफ सीजन में धान की खेती की सोच रहे हैं, तो नाटी मंसूरी को जरूर आजमाएँ। बुवाई से पहले खेत को अच्छे से तैयार करें और बीज का उपचार करें। खेत में पानी का ठहराव ना होने दें, क्योंकि ज्यादा पानी इस फसल को नुकसान पहुँचा सकता है। नजदीकी कृषि केंद्र से सलाह लें और अच्छे बीज का इंतजाम करें। अगर आपके इलाके में पानी की कमी रहती है, तो यह किस्म आपके लिए सबसे सही है। कम लागत और कम मेहनत में यह आपके खेत को हरा-भरा और जेब को भरा-भरा रखेगी।
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