सफारी धनिया की खेती,45 डिग्री तापमान में भी उगेगी यह किस्म, किसानों की कमाई होगी छप्परफाड़

Safari Dhaniya Ki Kheti: किसान भाइयों, धनिया भारतीय रसोई का एक अनमोल रत्न है। इसकी ताजी हरी पत्तियाँ और सुगंधित बीज हर व्यंजन को स्वाद से भर देते हैं। सफारी धनिया अपनी तेजी से बढ़ने की क्षमता और आसान खेती के लिए किसानों और बागवानों के बीच खास जगह बना चुका है। यह 7-10 दिन में अंकुरित हो जाता है और 45-70 दिन में पत्तियों व बीजों के लिए तैयार हो जाता है। खास बात यह है कि यह 45 डिग्री सेल्सियस के उच्च तापमान में भी उग सकता है, बशर्ते सही देखभाल की जाए। यह स्वाद के साथ-साथ पोषण और स्वास्थ्य लाभ भी देता है। आइए, सफारी धनिया की खेती, देखभाल, और फायदों को विस्तार से जानें।

सफारी धनिया की विशेषताएँ

सफारी धनिया 20-30 सेंटीमीटर ऊँचा पौधा है, जो पूर्ण सूर्य प्रकाश या हल्की छाया में अच्छी तरह बढ़ता है। यह 6.2-6.8 pH वाली अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी को पसंद करता है। इसके बीज 7-10 दिन में अंकुरित हो जाते हैं, और 45-70 दिन में पौधा पत्तियों और बीजों के लिए तैयार हो जाता है। इसकी ताजी पत्तियाँ कोमल और स्वादिष्ट होती हैं, जबकि सूखे बीज मसाले के रूप में उपयोग होते हैं। यह पौधा 45 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को सहन कर सकता है, खासकर अगर इसे हल्की छाया और नियमित नमी दी जाए। यह कम लागत में उगाया जा सकता है और गमलों, क्यारियों, या बगीचों में आसानी से उगता है। इसका सुगंधित स्वभाव और कीट-नाशक गुण इसे बगीचे का उपयोगी साथी बनाते हैं।

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रोपण और खेती का तरीका

सफारी धनिया की खेती शुरू करने के लिए सही समय चुनना जरूरी है। आखिरी ठंढ के बाद बीज सीधे खेत या गमले में बोएँ। जल्दी शुरू करने के लिए ठंढ से 4-6 हफ्ते पहले घर के अंदर बीज बो सकते हैं। बीजों को 0.6 सेंटीमीटर गहराई पर और 15-20 सेंटीमीटर की दूरी पर बोएँ। जब पौधे 5 सेंटीमीटर ऊँचे हो जाएँ, तो उन्हें 20-25 सेंटीमीटर की दूरी पर पतला करें, ताकि पत्तियाँ स्वस्थ विकसित हों। बुवाई के बाद हल्की सिंचाई करें, ताकि मिट्टी नम रहे। उच्च तापमान में, खासकर 45 डिग्री सेल्सियस में, सुबह या शाम को पानी दें और पौधों को हल्की छाया प्रदान करें, जैसे जालीनेट का उपयोग करें।

देखभाल कैसे करें और खरपतवार प्रबंधन

सफारी धनिया की देखभाल सरल है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। बढ़ते मौसम में नियमित रूप से पानी दें, खासकर अंकुरण और शुरुआती विकास के दौरान। पौधों को प्रति सप्ताह लगभग 2.5 सेंटीमीटर पानी चाहिए। उच्च तापमान में पानी की मात्रा बढ़ाएँ, लेकिन जलभराव से बचें। स्थापित पौधों को कम पानी की जरूरत होती है। मौसम के दौरान एक या दो बार नाइट्रोजन युक्त उर्वरक (25 फीट की कतार के लिए 1/4 कप) डालें। खरपतवार रोकने के लिए पौधों के चारों ओर गीली घास बिछाएँ या हल्की गुड़ाई करें। धनिया एफिड्स जैसे कीटों को भगाता है और लेडी बग जैसे लाभकारी कीड़ों को आकर्षित करता है। फिर भी, नीम का तेल (5 मिली प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करें।

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कटाई और उपयोग

सफारी धनिया की पत्तियों को तब काटें, जब वे ताजी और कोमल हों, क्योंकि तब उनका स्वाद सबसे अच्छा होता है। तने को मिट्टी से ठीक ऊपर काटें, ताकि नई पत्तियाँ उग सकें। बीज के लिए, पौधे को फूलने और बीज बनने दें। जब बीज भूरे और सूखे हो जाएँ, तो उन्हें काट लें। ताजी पत्तियाँ सलाद, चटनी, और करी में स्वाद बढ़ाती हैं, जबकि बीज पकवान, अचार, और बेकरी में मसाले के रूप में उपयोग होते हैं। धनिया में विटामिन A, C, K, आयरन, और कैल्शियम प्रचुर होते हैं। यह पाचन सुधारता है, सूजन कम करता है, और रक्त शर्करा नियंत्रण में मदद कर सकता है।

बीज कहाँ से लें

सफारी धनिया के बीज उत्तर भारत के स्थानीय कृषि केंद्रों, बीज भंडारों, और नर्सरियों में आसानी से उपलब्ध हैं। प्रमुख शहरों के कृषि बाजारों, जैसे दिल्ली, लखनऊ, और पटना, में यह बीज मिलता है। कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), IFFCO डीलर, और सहकारी समितियों से भी बीज और तकनीकी सलाह ली जा सकती है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, जैसे भारतअ‍ॅग्री, मेरीखेती, और अमेज़न इंडिया, भी प्रमाणित बीज उपलब्ध कराते हैं। बीज खरीदते समय पैकेट पर प्रमाणन और वैरायटी का नाम जाँचें। स्थानीय नर्सरियों से बीज लेना किफायती और विश्वसनीय हो सकता है।

किसानों के लिए फायदे

सफारी धनिया की खेती कम लागत में लाभकारी है। इसकी पत्तियाँ और बीज बाजार में अच्छा दाम (20-50 रुपये प्रति किलोग्राम पत्तियाँ) दिलाते हैं। यह शुरुआती बागवानों के लिए आदर्श है, क्योंकि इसे गमलों में उगाना आसान है। इसका सुगंध बगीचे को आकर्षक बनाता है। धनिया कीटों को भगाता और लाभकारी कीड़ों को आकर्षित करता है, जिससे अन्य फसलों को फायदा होता है।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र पिछले तिन साल से पत्रकारिता कर रहा हूँ मै ugc नेट क्वालीफाई हूँ भूगोल विषय से मै एक विषय प्रवक्ता हूँ , मुझे कृषि सम्बन्धित लेख लिखने में बहुत रूचि है मैंने सम्भावना संस्थान हिमाचल प्रदेश से कोर्स किया हुआ है |

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