टमाटर, प्याज, आलू के दाम गिरने पर भी नुकसान नहीं! केंद्र की नई योजना से मिलेगा सीधा फायदा

केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण, और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में एक ऐसी पहल की घोषणा की, जो देश के किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि जब तक किसान समृद्ध नहीं होगा, तब तक भारत का समग्र विकास अधूरा रहेगा। इस बयान के साथ उन्होंने किसानों की समस्याओं को समझने और उनका हल निकालने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। महाराष्ट्र के पुणे जिले के नारायणगांव में विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत उन्होंने किसानों से बातचीत की और स्थानीय खेतों, टमाटर मंडी, एपीएमसी बाजार, और कोल्ड स्टोरेज जैसी सुविधाओं का दौरा किया।

TOP फसलों पर ट्रांसपोर्टेशन सब्सिडी

शिवराज सिंह चौहान ने टमाटर, प्याज, और आलू जैसी TOP फसलों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अगर किसान इन फसलों को उन राज्यों में बेचते हैं, जहां बेहतर दाम मिलते हैं, तो उनकी ट्रांसपोर्टेशन लागत केंद्र सरकार उठाएगी। यह योजना राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों के अनुरोध पर लागू की जाती है, ताकि किसानों को लाभ मिल सके और आम जनता को किफायती दाम पर खाद्य सामग्री मिलती रहे।

इस साल फरवरी में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, और अन्य प्रमुख उत्पादक राज्यों में टमाटर की कीमतों में गिरावट को देखते हुए, केंद्र सरकार ने बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के ट्रांसपोर्टेशन कंपोनेंट को लागू करने का फैसला लिया। इसके तहत उत्पादक राज्यों से उपभोक्ता राज्यों तक फसलों के स्ट्रोरेज और ट्रांसपोर्टेशन की ऑपरेशनल कॉस्ट की भरपाई नैफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) जैसी केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा की जाएगी।

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मध्य प्रदेश में टमाटर का ट्रांसपोर्टेशन

मध्य प्रदेश में टमाटर की कीमतों में भारी गिरावट को ध्यान में रखते हुए, शिवराज सिंह चौहान ने एनसीसीएफ के माध्यम से एमआईएस के ट्रांसपोर्टेशन कंपोनेंट को लागू करने की मंजूरी दी। एनसीसीएफ जल्द ही मध्य प्रदेश से टमाटर का परिवहन कार्य शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इस पहल से किसानों को अपनी उपज को बेहतर कीमत पर बेचने का मौका मिलेगा, और वे अपनी आय बढ़ा सकेंगे। महाराष्ट्र के किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं, क्योंकि कई बार उनकी उपज अन्य राज्यों में बेहतर दाम पर बिकती है, लेकिन ट्रांसपोर्टेशन की लागत उन्हें रोकती है।

कृषि वैज्ञानिकों की नई भूमिका

शिवराज सिंह चौहान ने देश के करीब 16,000 कृषि वैज्ञानिकों को एक नई दिशा दी है। उन्होंने कहा कि इन वैज्ञानिकों को अब केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उन्हें खेतों में जाकर किसानों की समस्याओं को समझना चाहिए और समाधान देना चाहिए। यह कदम किसानों और वैज्ञानिकों के बीच की दूरी को कम करेगा, और किसान नई तकनीकों और तरीकों को सीधे तौर पर अपनाकर अपनी फसलों की उपज बढ़ा सकेंगे।

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मिलावटी खाद और कीटनाशकों पर सख्ती

कृषि मंत्री ने चेतावनी दी कि जो लोग मिलावटी खाद या कीटनाशक बनाकर किसानों को धोखा दे रहे हैं, उनके खिलाफ केंद्र सरकार जल्द सख्त कानून लाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसी आपराधिक गतिविधियों को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और दोषियों को कठोर दंड मिलेगा। यह कदम किसानों की सुरक्षा और उनकी फसलों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है। मिलावटी खाद और कीटनाशकों से फसलों को नुकसान होता है, और किसानों की मेहनत बर्बाद हो जाती है। सरकार का यह फैसला किसानों को राहत देगा और उनकी आय बढ़ाने में मदद करेगा।

क्यों जरूरी है यह पहल

देश के किसानों की स्थिति सुधारने के लिए यह पहल बहुत महत्वपूर्ण है। टमाटर, प्याज, और आलू जैसी फसलों की कीमतों में उतार-चढ़ाव से किसान अक्सर परेशान होते हैं। ट्रांसपोर्टेशन सब्सिडी से उन्हें अपनी उपज को बेहतर बाजारों में बेचने का मौका मिलेगा, और उनकी आय बढ़ेगी। इसके अलावा, कृषि वैज्ञानिकों की खेतों में भागीदारी से किसान नई तकनीकों को सीखेंगे और अपनी फसलों की उपज बढ़ाएँगे। मिलावटी खाद और कीटनाशकों पर सख्ती से उनकी फसलों की गुणवत्ता बनी रहेगी, और वे अपनी मेहनत का सही फल पा सकेंगे।

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  • Shashikant

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