Bayer 9126 Maize Variety: मक्का की खेती हमारे गाँवों के किसान भाइयों के लिए हमेशा से कमाई का अच्छा जरिया रही है। इस बार मक्का की बायर 9126 वैरायटी की खूब चर्चा है। ये वैरायटी न सिर्फ बंपर पैदावार दे रही है, बल्कि कम मेहनत और कम बीज में भी अच्छा मुनाफा दिला रही है। सागर, बुंदेलखंड और मध्य प्रदेश के तमाम इलाकों में किसान इसकी खेती की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं। आइए जानते हैं कि ये वैरायटी इतनी खास क्यों है और इसे कैसे बोया जाए, ताकि आप भी अपने खेतों में मोटी कमाई कर सकें।
बायर 9126 क्यों है ये वैरायटी खास?
मक्का की बायर 9126 वैरायटी (Bayer 9126 Maize Variety) की सबसे बड़ी खासियत है इसकी शानदार पैदावार। किसानों का कहना है कि ये वैरायटी एक एकड़ में 25 से 27 क्विंटल तक मक्का दे सकती है। और तो और, इसके लिए आपको बस 6 किलो बीज की जरूरत पड़ती है। यानी कम लागत में ज्यादा मुनाफा। खासकर उन खेतों में, जहां काली या दोमट मिट्टी है, ये वैरायटी कमाल कर देती है। सागर और बुंदेलखंड जैसे इलाकों में इसकी पैदावार देखकर किसान भाई खुश हैं। ये वैरायटी रोगों से भी लड़ने में माहिर है, यानी फसल को बीमारियों का डर कम रहता है।
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नकली बीज से बचें
खेती में मेहनत और पैसे का सही फल तभी मिलता है, जब बीज अच्छा हो। मक्का की खेती करने वाले हमारे किसान भाइयों को एक बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि नकली बीज के चक्कर में न पड़ें। पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि जल्दबाजी में कई बार नकली या हाइब्रिड बीज खरीद लिए जाते हैं, जिससे फसल खराब हो जाती है और लागत भी नहीं निकल पाती।
कृषि विशेषज्ञ एस.एन. पटेल सलाह देते हैं कि बीज का पैकेट खरीदते वक्त उस पर दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन करें। ये कोड आपको बीज की सच्चाई बताएगा। अगर कोड स्कैन करने की सुविधा न हो, तो अपने नजदीकी कृषि केंद्र या भरोसेमंद दुकान से ही बीज लें।
खेत तैयार करने का सही तरीका
मक्का की अच्छी फसल के लिए खेत की तैयारी बहुत जरूरी है। अगर आप बायर 9126 बोने जा रहे हैं, तो सबसे पहले अपने खेत की गहरी जुताई कर लें। जुताई के बाद खेत को 10-15 दिन के लिए खाली छोड़ दें। इस दौरान मानसून की बारिश का इंतजार करें। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक 4 इंच बारिश न हो जाए, तब तक बुआई न करें।
ऐसा करने से मिट्टी में नमी अच्छी बनी रहती है, जो फसल के लिए फायदेमंद है। बुआई करते वक्त एक बात का खास ध्यान रखें कि बीज को ज्यादा गहरा न बोएं। उथली बुआई करें, ताकि बीज आसानी से अंकुरित हो सके। बुआई के समय डीएपी खाद मिला देना भी फायदेमंद रहता है।
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खाद और देखभाल के देसी नुस्खे
मक्का की फसल को पनपने के लिए सही समय पर सही खाद देना जरूरी है। बुआई के 15-25 दिन बाद पौधों में सल्फर और जिंक मिली खाद डालें। ये पौधों को ताकत देता है और पैदावार बढ़ाने में मदद करता है। बायर 9126 वैरायटी की एक और खास बात ये है कि इसे ज्यादा पानी की जरूरत नहीं पड़ती। ये फसल 100 से 115 दिन में पककर तैयार हो जाती है। अगर आप पहली बार मक्का की खेती कर रहे हैं, तो अपने आसपास के अनुभवी किसानों या कृषि अधिकारियों से सलाह लेते रहें। उनके अनुभव आपके लिए बहुत काम आएंगे।
रोगों से बचाव और बंपर पैदावार
किसान भाइयों के लिए सबसे बड़ी राहत ये है कि बायर 9126 वैरायटी रोग प्रतिरोधक है। यानी इस पर सामान्य बीमारियाँ आसानी से हावी नहीं होतीं। फिर भी, फसल की नियमित निगरानी करते रहें। अगर पौधों में कोई असामान्य बदलाव दिखे, तो तुरंत अपने नजदीकी कृषि केंद्र से संपर्क करें। सागर और बुंदेलखंड में इस वैरायटी की खेती करने वाले किसानों ने बताया कि सही देखभाल और सही बीज के साथ ये वैरायटी बंपर पैदावार दे रही है। अगर आप भी इस बार मक्का बोने की सोच रहे हैं, तो बायर 9126 को आजमाकर देखें। मेहनत और थोड़ी सी सावधानी आपको अच्छा मुनाफा दिला सकती है।
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