Soybean Top 10 Variety in 2025: किसान भाइयों, खरीफ सीजन में सोयाबीन की खेती कमाई का बड़ा जरिया है। साल 2025 के लिए कृषि वैज्ञानिकों और अनुभवी किसानों ने कुछ ऐसी सोयाबीन की किस्में बताई हैं, जो न सिर्फ ज्यादा दाने देती हैं, बल्कि रोगों से भी टक्कर लेती हैं। सही किस्म चुनकर कम खर्च में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। नई किस्में सूखा झेलने में माहिर हैं, जल्दी पकती हैं, और तेल की मात्रा भी बढ़िया देती हैं। आइए, जानें 2025 के लिए सोयाबीन की टॉप 10 किस्मों के बारे में, जो खेत को हरा-भरा और जेब को भारी करेंगी।
जेएस 20-116 (JS 20-116)
जेएस 20-116 मध्य प्रदेश और आसपास के इलाकों में खूब चल रही है। ये किस्म 100 से 105 दिन में तैयार हो जाती है। पीला मोज़ेक और झुलसा जैसे रोगों से ये अच्छा मुकाबला करती है। प्रति हेक्टेयर 25 से 28 क्विंटल तक दाने देती है। तेल की मात्रा 19.5 फीसदी के करीब होती है, जो बाजार में अच्छी कीमत दिलवाती है। इस किस्म को लगाकर किसान भाई मुनाफे की राह पकड़ सकते हैं।
आरवीएस 2002-4 (RVS 2002-4)
पानी की कमी वाले खेतों के लिए आरवीएस 2002-4 एकदम फिट है। ये 95 से 100 दिन में पककर तैयार हो जाती है। प्रति हेक्टेयर 24 से 26 क्विंटल उपज देती है, और तेल की मात्रा 20 फीसदी तक रहती है। सूखा सहने की इसकी ताकत इसे मध्य भारत के किसानों के लिए खास बनाती है। कम पानी में भी ये किस्म मुनाफा देती है।
ये भी पढ़ें- JS 2172 सोयाबीन वैरायटी दे रही 90-95 दिन में 12-15 क्विंटल पैदावार, किसान कमा रहे लाखों!
एनआरसी 142 (NRC 142)
एनआरसी 142 की खासियत है कि ये जड़ सड़न और कीटों से अच्छा बचाव करती है। 105 दिन में फसल तैयार हो जाती है। मध्य भारत, महाराष्ट्र, और छत्तीसगढ़ के लिए ये किस्म शानदार है। प्रति हेक्टेयर 25 से 27 क्विंटल उपज मिलती है, और तेल का स्तर 20 फीसदी के आसपास रहता है। रोगों से कम नुकसान होने की वजह से ये किसानों का भरोसा जीत रही है।
एनआरसी 138 (NRC 138)
जल्दी फसल लेने वाले किसानों के लिए एनआरसी 138 बढ़िया है। ये 90 से 95 दिन में तैयार हो जाती है। प्रति हेक्टेयर 22 से 25 क्विंटल उपज देती है, और तेल की मात्रा 19.8 फीसदी रहती है। कम समय में खेत खाली करने और अगली फसल की तैयारी के लिए ये किस्म एकदम सही है।
जेएस 21-05 (JS 21-05)
जेएस 21-05 मध्य भारत के लिए बनाई गई है। ये 100 से 110 दिन में तैयार होती है। अच्छी देखभाल से प्रति हेक्टेयर 30 क्विंटल तक उपज दे सकती है। कई रोगों से लड़ने की ताकत रखती है, और तेल की मात्रा 19.5 फीसदी के आसपास रहती है। बाजार में इसके दाने अच्छी कीमत लाते हैं।
ये भी पढ़ें- मक्का के लिए चमत्कारी फर्टिलाइज़र! ‘महावीरा जिरोन पावर प्लस’ से बढ़ेगी जड़ें, उपज और मुनाफा
पीएस 1611 (PS 1611)
उत्तर प्रदेश, बिहार, और हरियाणा के किसानों के लिए पीएस 1611 शानदार है। ये 95 से 100 दिन में तैयार हो जाती है। प्रति हेक्टेयर 23 से 27 क्विंटल उपज देती है, और तेल की मात्रा 20 फीसदी से ज्यादा होती है। रोगों से बचाव और अच्छी पैदावार के लिए ये किस्म किसानों की पसंद है।
एमएसीएस (1460 MACS 1460)
एमएसीएस 1460 जल्दी तैयार होने और ज्यादा तेल देने वाली किस्म है। ये 90 से 95 दिन में पक जाती है। तेल की मात्रा 21 फीसदी तक होती है, और उपज 22 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहती है। जल्दी बिक्री की सोच रहे किसानों के लिए ये किस्म मुनाफे का रास्ता खोलती है।
एनआरसी 131 (NRC 131)
ज्यादा बारिश और नमी वाले खेतों के लिए एनआरसी 131 अच्छा प्रदर्शन करती है। ये 105 से 110 दिन में तैयार होती है। प्रति हेक्टेयर 26 क्विंटल तक उपज देती है, और तेल का स्तर 20 फीसदी के करीब रहता है। नमी वाले इलाकों में ये किस्म किसानों के लिए वरदान है।
ये भी पढ़ें- खेती में अपनाएं ये मॉर्डन मशीनें, लागत का 50% देगी सरकार! होगी तगड़ी कमाई
जेएस 95-60 (JS 95-60)
जेएस 95-60 पुरानी किस्म है, लेकिन आज भी कई इलाकों में किसानों का भरोसा बनी हुई है। ये 110 दिन में तैयार हो जाती है। रोगों से लड़ने की अच्छी ताकत रखती है। प्रति हेक्टेयर 25 क्विंटल तक उपज देती है, और तेल की मात्रा 19.5 फीसदी रहती है। बाजार में इसकी माँग हमेशा बनी रहती है।
एनआरसी 127 (NRC 127)
एनआरसी 127 कीटों से लड़ने में माहिर है। ये 95 से 100 दिन में तैयार हो जाती है। प्रति हेक्टेयर 24 क्विंटल तक उपज देती है, और तेल की मात्रा 20.5 फीसदी के करीब होती है। बाजार में इसके दाने अच्छी कीमत लाते हैं, जिससे किसानों की कमाई बढ़ती है।
ये भी पढ़ें- कंडुवा रोग से बचाएंगे ये 4 जादुई उपाय, धान की फसल होगी शानदार, पड़ोसी भी पूछेंगे तरीका