उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मक्का किसानों को बड़ी राहत दी है। पहली बार रबी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर मक्का की सीधी खरीद शुरू की गई है। यह खरीद प्रक्रिया 15 जून 2025 से शुरू हो चुकी है और 31 जुलाई 2025 तक चलेगी। विपणन वर्ष 2024-25 के लिए मक्का का MSP ₹2,225 प्रति क्विंटल तय किया गया है। क्रय केंद्र सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुले रहेंगे। इस पहल से कानपुर, हाथरस, कासगंज, औरैया, संभल, रामपुर सहित यूपी के 22 जिलों के किसानों को लाभ मिलेगा। हाल ही में औरैया दौरे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मक्का किसानों से मुलाकात की और उनकी उन्नति के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
MSP खरीद के लिए पंजीकरण और नियम
मक्का की MSP पर बिक्री के लिए किसानों को पंजीकरण अनिवार्य है। पंजीकरण fcs.up.gov.in वेबसाइट या UP Kisan Mitra मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जा सकता है। केवल पंजीकृत किसानों की फसल खरीदी जाएगी। पंजीकरण के लिए किसानों को अपने सक्रिय मोबाइल नंबर का उपयोग करना होगा, जिससे प्राप्त OTP के जरिए प्रक्रिया पूरी होगी।
बैंक खाता आधार से लिंक्ड और NPCI पोर्टल पर मैप्ड होना चाहिए। भुगतान PFMS (पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) के जरिए सीधे किसानों के आधार-लिंक्ड खाते में होगा। किसानों की सुविधा के लिए नॉमिनी की व्यवस्था भी की गई है। किसी भी समस्या के लिए टोल-फ्री नंबर 18001800150 या जिला खाद्य विपणन अधिकारी, क्षेत्रीय विपणन अधिकारी, या ब्लॉक विपणन निरीक्षक से संपर्क किया जा सकता है।
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मक्का खरीद के लिए चयनित जिले
योगी सरकार ने मक्का MSP खरीद के लिए 22 जिलों का चयन किया है। इनमें बदायूं, बुलंदशहर, अलीगढ़, एटा, कासगंज, फिरोजाबाद, हाथरस, मैनपुरी, हरदोई, उन्नाव, कानपुर नगर, औरैया, कन्नौज, इटावा, फर्रुखाबाद, बहराइच, बलिया, गोंडा, संभल, रामपुर, अयोध्या, और मीरजापुर शामिल हैं। इन जिलों के किसान अपनी फसल को क्रय केंद्रों पर बेचकर MSP का लाभ उठा सकते हैं। यह योजना मक्का किसानों की आय बढ़ाने और बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाने में मदद करेगी।
बरसात में बंपर पैदावार
मक्का की खेती रबी, खरीफ, और जायद तीनों मौसम में की जा सकती है, लेकिन खरीफ मौसम में इसकी पैदावार सबसे अधिक होती है। बरसात के मौसम में मक्का की खेती के लिए किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे जलभराव और रोग। कृषि वैज्ञानिकों ने इन समस्याओं से निपटने के लिए DMRH 1308 बीज की सिफारिश की है। यह पब्लिक सेक्टर का हाइब्रिड बीज है, जो खरीफ की बारिश में भी स्वस्थ अंकुरण और उच्च पैदावार देता है। यह बीज रोग प्रतिरोधी है और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल है, जिससे किसान कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
खरीफ मक्का खेती के लिए सलाह
मक्का की बुवाई के लिए किसानों को कुछ वैज्ञानिक तरीके अपनाने चाहिए। बुवाई से पहले खेत की गहरी जुताई करें और मिट्टी की जाँच कराएँ। प्रति हेक्टेयर 20-25 किलो बीज पर्याप्त है। लाइन से लाइन की दूरी 60-75 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 20-25 सेंटीमीटर रखें। बीज उपचार के लिए 2 ग्राम थीरम प्रति किलो बीज का उपयोग करें ताकि फंगल रोगों से बचाव हो। बरसात में जल निकासी का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि जलभराव मक्का की जड़ों को नुकसान पहुँचाता है। प्रति हेक्टेयर 120 किलो नाइट्रोजन, 60 किलो फॉस्फोरस, और 40 किलो पोटाश का उपयोग करें। समय पर निराई-गुड़ाई और कीट प्रबंधन से फसल स्वस्थ रहेगी।
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