अगर आप भी देशी बाजरे की खेती करना चाहते हैं तो, इस किस्म की बुआई एक बार जरुर करें

किसान भाइयों, अगर आप कम पानी और कम मेहनत में बंपर पैदावार चाहते हैं, तो नंदी 67 (HHB 67) बाजरा आपके खेतों के लिए वरदान है। यह देशी किस्म सूखे इलाकों में भी शानदार उत्पादन देती है और पशुओं के लिए स्वादिष्ट चारा भी मुहैया कराती है। बाजरा, जिसे श्रीअन्न के रूप में जाना जाता है, प्रोटीन, फाइबर, और खनिजों से भरपूर है। HHB 67 हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) द्वारा विकसित एक जल्दी पकने वाली किस्म है, जो 62-65 दिनों में तैयार हो जाती है। आइए जानें कि इसकी खेती कैसे करें, बीज कहाँ से लें, और इससे कितना मुनाफा हो सकता है।

नंदी (HHB) 67 की खासियत

नंदी 67 (HHB 67) बाजरा की सबसे जल्दी पकने वाली और उच्च उपज देने वाली किस्मों में से एक है। इसके पौधे 160-180 सेमी लंबे होते हैं और जोगिया रोग के प्रति सहनशील हैं। यह किस्म कम पानी वाले शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों, जैसे राजस्थान, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश, के लिए आदर्श है। इसके दाने पीले-भूरे और गोलाकार होते हैं, जो खाने में स्वादिष्ट और पशुओं के लिए पौष्टिक हैं। इसकी चारे की गुणवत्ता भी बेहतरीन है, जो पशुपालकों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत बनती है। प्रति हेक्टेयर 20-22 क्विंटल दाने और 40-45 क्विंटल सूखा चारा मिलता है।

यह भी देखें – धान की जगह बोइए ये फसल, सरकार ने ₹596 प्रति क्विंटल बढ़ाई MSP! कम खाद-कीटनाशक में होगी तैयार और कमाई होगी दोगुनी

खेत की तैयारी और बुवाई

HHB 67 की खेती के लिए रेतीली दोमट या हल्की मिट्टी सबसे अच्छी है, जिसमें जल निकास की अच्छी व्यवस्था हो। खेत को तैयार करने के लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें, फिर 2-3 बार हैरो या देशी हल चलाकर पाटा लगाएँ। बुवाई का सही समय जुलाई का पहला पखवारा है, जब मानसून शुरू होता है। देर से बुवाई (10-20 जुलाई) भी इस किस्म के लिए उपयुक्त है, क्योंकि यह जल्दी पकती है। प्रति हेक्टेयर 1-1.5 किलो बीज काफी है। बीज को बोने से पहले ट्राइकोडर्मा हर्जियानम (4 ग्राम/किलो) या थीरम (3 ग्राम/किलो) से उपचारित करें ताकि मिट्टी जनित रोगों से बचाव हो।

बीज कहाँ से लें

HHB 67 के प्रमाणित बीज राष्ट्रीय बीज निगम (NSC), कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), या हरियाणा बीज विकास निगम से मिल सकते हैं। ऑनलाइन खरीद के लिए ONDC स्टोर, Indiamart, या AgriBegri जैसे प्लेटफॉर्म पर 10-50 ग्राम के पैकेट (200-500 रुपये) उपलब्ध हैं। स्थानीय स्तर पर नजदीकी KVK या कृषि विभाग से संपर्क करें। बीज खरीदते समय अंकुरण दर (85% से ज्यादा) और पैकिंग तिथि चेक करें।

ये भी पढ़ें – खरीफ सीजन 2025-26 के लिए MSP में बढ़ोतरी: अरहर, मूंग, सोयाबीन और बाजरा जैसी फसलों पर किसानों को मिलेगा ज़्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य, जानिए पूरी लिस्ट

उर्वरक और देखभाल

Nandi HHB 67 Bajra की अच्छी पैदावार के लिए प्रति हेक्टेयर 40 किलो नाइट्रोजन और 20 किलो फॉस्फोरस बुवाई के समय डालें। अगर मिट्टी में जस्ते की कमी हो, तो 10-20 किलो जिंक सल्फेट डालें। बुवाई के 25 दिन बाद 20 किलो नाइट्रोजन अतिरिक्त छिड़कें। खरपतवार नियंत्रण के लिए बुवाई के 15 और 30 दिन बाद निराई-गुड़ाई करें। एट्राजीन (500 ग्राम/हेक्टेयर) का छिड़काव खरपतवार के लिए प्रभावी है। टिड्डी प्रकोप से बचाव के लिए फॉरेट का छिड़काव करें। फसल की नियमित निगरानी से रोग और कीटों को नियंत्रित करें।

पैदावार और मुनाफा

HHB 67 से प्रति एकड़ 8-9 क्विंटल दाने और 16-18 क्विंटल सूखा चारा मिलता है। बाजार में बाजरा 2000-2500 रुपये प्रति क्विंटल और चारा 400-600 रुपये प्रति क्विंटल बिकता है। कुल आय 20,000-25,000 रुपये (दाने) और 6,400-10,800 रुपये (चारा) प्रति एकड़ हो सकती है। लागत (बीज, उर्वरक, श्रम) 8,000-10,000 रुपये प्रति एकड़ है। इस तरह, प्रति एकड़ शुद्ध लाभ 18,400-25,800 रुपये हो सकता है।

नंदी 67 (HHB 67) बाजरा कम पानी और कम लागत में बंपर पैदावार देता है। यह किसानों और पशुपालकों के लिए दोहरा मुनाफा देता है। अपने नजदीकी KVK से बीज और जानकारी लें और इस श्रीअन्न की खेती से अपने खेतों को समृद्ध बनाएँ।

ये भी पढ़ें – जून में बाजरा-रागी की खेती से कम पानी में भी होगी बंपर कमाई

Author

  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

    View all posts

Leave a Comment