इस राज्य सरकार ने पशुओं के लिए शुरू की मोबाइल वेटरनेरी यूनिट्स (एम्बुलेंस सेवा), सिर्फ एक कॉल में पहुचेंगे डॉक्टर

Treated On One Call Animal Feed HP News : हिमाचल प्रदेश के पशुपालक किसान भाइयों के लिए खुशखबरी! मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पशुपालन को न सिर्फ मुनाफे का धंधा, बल्कि युवाओं के लिए घर-द्वार रोजगार का जरिया बनाने का ऐलान किया है। प्रदेश सरकार ने मोबाइल वेटरनेरी यूनिट्स, दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), और 50% सब्सिडी वाली योजनाओं के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ताकत दी है। 16 जून 2025 को सीएम सुक्खू ने कहा कि ये कदम हिमाचल को पशुपालन में अग्रणी बनाएँगे और किसानों की जेब भरेंगे। आइए जानें सरकार की इन योजनाओं का हर पहलू।

मोबाइल वेटरनेरी यूनिट्स, एक कॉल पर पशुचिकित्सक

पशुपालकों की सबसे बड़ी मुश्किल थी पशुओं का समय पर इलाज। अब 44 मोबाइल वेटरनेरी यूनिट्स हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में पशुओं के लिए ‘डॉक्टर ऑन व्हील्स’ बन गई हैं। इन वैन में पशुचिकित्सक और फार्मासिस्ट हर समय तैयार रहते हैं। बस 1962 टॉल-फ्री हेल्पलाइन पर कॉल करें, और पशु का इलाज आपके आंगन में होगा। अब तक इन यूनिट्स ने 18,723 रोगों और 17,850 अन्य समस्याओं का समाधान किया है। यह सेवा खासकर दूर-दराज के पशुपालकों के लिए वरदान है, जो पहले इलाज के लिए मीलों पैदल चलते थे।

दूध पर MSP किसानों की जेब में ज्यादा कमाई

हिमाचल देश का पहला राज्य है, जहाँ दूध पर MSP लागू हुआ है। सरकार प्रतिदिन 38,400 पशुपालकों से 2.25 लाख लीटर गाय का दूध 51 रुपये प्रति लीटर और 1,482 पशुपालकों से 7,800 लीटर भैंस का दूध 61 रुपये प्रति लीटर खरीद रही है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत बकरी का दूध भी 70 रुपये प्रति लीटर खरीदा जा रहा है। गुणवत्ता के आधार पर ये दरें सुनिश्चित करती हैं कि पशुपालकों को मेहनत का पूरा दाम मिले। पहाड़ी रास्तों की चुनौतियों को देखते हुए सरकार 2 रुपये प्रति लीटर का परिवहन अनुदान भी दे रही है।

ये भी पढ़ें – IARI की नई तकनीक ड्रिप सह मल्च से होगी कम पानी में ज्यादा पैदावार, किसान बढ़ाएंगे मुनाफा!

सब्सिडी और सहकारी समितियाँ

पशुपालकों की लागत कम करने के लिए गर्भित पशु आहार योजना शुरू की गई है। अब तक 31,110 गरीबी रेखा से नीचे के पशुपालकों को 50% सब्सिडी पर उच्च गुणवत्ता वाला चारा दिया गया है। इससे पशुओं की सेहत बेहतर हुई और दूध उत्पादन बढ़ा। साथ ही, सरकार ने नई दुग्ध उपार्जन सहकारी समितियाँ बनाई हैं, जिनमें 5,166 किसान जुड़ चुके हैं। ये समितियाँ बिचौलियों को खत्म कर पशुपालकों को सीधा लाभ पहुँचाती हैं।

युवाओं के लिए रोजगार, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल

सीएम सुक्खू ने कहा, “पशुपालन अब केवल खेती नहीं, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार का बड़ा जरिया बनेगा।” सरकार की योजनाएँ ग्रामीण युवाओं को पशुपालन की ओर आकर्षित कर रही हैं। हिम पोल्ट्री योजना के तहत 6.13 करोड़ रुपये की लागत से 155 ब्रॉयलर यूनिट्स स्थापित की गईं, जिससे 6 लाख से ज्यादा चूजे बाँटे गए। ये योजनाएँ न सिर्फ आय बढ़ा रही हैं, बल्कि गाँवों को आत्मनिर्भर बना रही हैं।

हिमाचल सरकार की ये योजनाएँ पशुपालकों के लिए नई उम्मीद लेकर आई हैं। दूध पर MSP, मोबाइल वेटरनेरी सेवाएँ, और सब्सिडी ने पशुपालन को मुनाफेदार बना दिया है। अगर आप भी पशुपालक हैं, तो 1962 हेल्पलाइन पर संपर्क करें या नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र जाएँ। अपने खेतों को समृद्ध बनाएँ।

ये भी पढ़ें – 1 लाख करोड़ की सौगात! अब किसानों को मिलेगा भंडारण और कोल्ड चेन का सुपर फायदा

Author

  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

    View all posts

Leave a Comment