कृषक कल्याण मिशन: किसानों के लिए वरदान, जानिए कैसे मिलेगा फायदा

मध्य प्रदेश सरकार ने अप्रैल 2025 में कृषक कल्याण मिशन को हरी झंडी दी है, जिसे किसानों के लिए गेमचेंजर माना जा रहा है। इस मिशन का मकसद खेती को मुनाफे का धंधा और किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है। इसके लिए सरकार ने 2025-26 के बजट में रिकॉर्ड ₹32,308 करोड़ का आवंटन किया है। यह मिशन एक डिजिटल छतरी की तरह है, जो कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, सहकारिता, और खाद्य प्रसंस्करण जैसे विभागों को एक मंच पर लाता है। इसका सीधा फायदा मध्य प्रदेश के लाखों किसानों को मिलेगा, क्योंकि अब योजनाओं का लाभ एक ही जगह से आसानी से मिल सकेगा।

कृषक कल्याण मिशन का असली मकसद

कृषक कल्याण मिशन एक डिजिटल मंच है, जो किसानों को कई योजनाओं का लाभ एक साथ देता है। इसमें फसल बीमा कवरेज को 50 फीसदी बढ़ाने, 100 मंडियों को आधुनिक बनाने, और नए सिंचाई प्रोजेक्ट शुरू करने जैसे बड़े कदम शामिल हैं। मिशन का फोकस फसलों की उत्पादकता बढ़ाने, उच्च मूल्य वाली फसलों जैसे मखाना, मसाले, और औषधीय पौधों को बढ़ावा देने, और गुणवत्तापूर्ण बीज, खाद, और कीटनाशकों तक आसान पहुँच सुनिश्चित करने पर है। साथ ही, कम ब्याज वाले लोन, फूड प्रोसेसिंग उद्योग, और वैल्यू चेन को मज़बूत करने की योजना है। यह मिशन मध्य प्रदेश की खेती को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की तैयारी है।

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कौन ले सकता है लाभ और कैसे करें आवेदन

मध्य प्रदेश का कोई भी किसान, जो इस मिशन के तहत आने वाली योजनाओं की पात्रता पूरी करता हो, इसका लाभ ले सकता है। इसमें छोटे, सीमांत, और बड़े किसान शामिल हैं। मिशन के तहत कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, और सहकारिता विभागों की योजनाएँ एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। किसान इस प्लेटफॉर्म पर जाकर योजनाओं की जानकारी, पात्रता, और आवेदन प्रक्रिया देख सकते हैं। आवेदन के लिए आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, और ज़मीन के दस्तावेज़ जैसे कागज़ात चाहिए। नज़दीकी कृषि विज्ञान केंद्र या जिला कलेक्टर कार्यालय से संपर्क करके भी आवेदन किया जा सकता है। यह प्रक्रिया पारदर्शी और आसान है, ताकि किसानों को भटकना न पड़े।

किसानों को क्या-क्या फायदा

कृषक कल्याण मिशन का सबसे बड़ा फायदा है कि अब किसानों को अलग-अलग विभागों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। एक ही डिजिटल मंच पर सारी योजनाएँ, सब्सिडी की जानकारी, और आवेदन की प्रक्रिया उपलब्ध है। मिशन के तहत 26,000 गाँवों में दूध कलेक्शन नेटवर्क बढ़ाया जाएगा, जिससे दूध की प्रोसेसिंग क्षमता 50 लाख लीटर प्रतिदिन तक होगी। मत्स्य पालन में पिंजरे की खेती और बायोफ्लोक जैसी तकनीकों से स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा। किसानों को ज़ीरो-ब्याज लोन के लिए क्रेडिट कार्ड स्कीम का भी फायदा मिलेगा। साथ ही, मंडियों को आधुनिक बनाने और फूड प्रोसेसिंग यूनिट शुरू करने से किसानों को अपनी उपज के बेहतर दाम मिलेंगे।

खेती और गाँवों पर असर

कृषक कल्याण मिशन मध्य प्रदेश की खेती को नया रंग देगा। 2025 में शुरू हुआ यह मिशन फसल उत्पादकता, सिंचाई, और बाज़ार सुविधाओं को बेहतर करेगा। मिशन का लक्ष्य 2029 तक 100 लाख हेक्टेयर तक सिंचाई सुविधा पहुँचाना है। उच्च मूल्य वाली फसलों और फूड प्रोसेसिंग से किसानों की आय बढ़ेगी। सहकारी समितियों के ज़रिए दूध, मछली, और अन्य उत्पादों की बिक्री आसान होगी। मिशन में अनुसंधान और कौशल विकास पर भी ज़ोर है, ताकि किसान नई तकनीकों और जलवायु-अनुकूल खेती को अपना सकें। मध्य प्रदेश के गाँवों में रोज़गार बढ़ेगा, और खेती मुनाफे का सौदा बनेगी।

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  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं krishitak.com पर लेखक हूं, जहां मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाओं पर केंद्रित आर्टिकल लिखता हूं। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ, मैं पाठकों को लेटेस्ट और उपयोगी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं।

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