1 कीड़ा, 100 फायदे, जानिए ब्लैक सोल्जर फ्लाई कैसे बदल रही है मछली और मुर्गियों की दुनिया

Black Soldier Fly Farming: मछली पालन और पोल्ट्री फार्मिंग में लागत का सबसे बड़ा हिस्सा आहार का होता है। सोयाबीन और फिशमील जैसे पारंपरिक प्रोटीन स्रोत महँगे हैं, लेकिन अब ब्लैक सोल्जर फ्लाई (BSF) लार्वा एक सस्ता, प्रोटीन से भरपूर, और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प बनकर उभरा है। ये छोटे-से कीड़े के लार्वा खेतिहर समुदाय, मछली पालकों, और पोल्ट्री किसानों के लिए वरदान हैं। इनमें 40-50% प्रोटीन, जरूरी अमीनो एसिड, और ओमेगा-3 जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो मछलियों और मुर्गियों की ग्रोथ और सेहत के लिए शानदार हैं। आइए, जानें कि BSF लार्वा कैसे मछली और मुर्गी के लिए बेस्ट आहार है और इसे कैसे तैयार करें।

प्रोटीन का पावरहाउस, BSF लार्वा

ब्लैक सोल्जर फ्लाई के लार्वा प्रोटीन का खजाना हैं। इनमें 40-50% क्रूड प्रोटीन होता है, जो सोयाबीन (30-40%) और फिशमील (60-70%) से तुलनीय है। साथ ही, इनमें लाइसिन, ल्यूसिन, और वेलिन जैसे जरूरी अमीनो एसिड प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो मछलियों और मुर्गियों की मांसपेशियों और अंडे उत्पादन के लिए जरूरी हैं। इनमें 20-35% फैट भी होता है, जिसमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 जैसे हेल्दी फैट्स शामिल हैं। ये लार्वा कैल्शियम और फॉस्फोरस जैसे खनिजों से भी भरपूर हैं, जो मुर्गियों के अंडों की क्वालिटी और मछलियों की हड्डियों को मजबूत करते हैं। मॉनसून के मौसम में, जब पारंपरिक आहार की कीमतें बढ़ जाती हैं, BSF लार्वा सस्ता और पौष्टिक विकल्प देता है।

ये भी पढ़ें – मुर्गी-बत्तख छोडिये करिए इस पक्षी का पालन 40 दिन में देती है अंडे, बाजार में है बम्पर मांग

मछलियों के लिए फायदेमंद आहार

मछली पालन में फिशमील का इस्तेमाल आम है, लेकिन इसकी कीमत और समुद्री संसाधनों पर दबाव इसे महँगा बनाते हैं। BSF लार्वा फिशमील का शानदार विकल्प है। अध्ययनों से पता चला है कि BSF लार्वा को आहार में 50-100% तक फिशमील की जगह इस्तेमाल करने से मछलियों, जैसे तिलापिया और सैल्मन, की ग्रोथ और सेहत पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता। ये लार्वा मछलियों को जल्दी वजन बढ़ाने में मदद करते हैं और फीड कन्वर्जन रेशियो (FCR) को बेहतर करते हैं। BSF लार्वा की पाचनशक्ति 75% तक होती है, खासकर जब इन्हें डीफैट किया जाता है। ये मछलियों को स्वादिष्ट भी लगते हैं, जिससे वे इसे आसानी से खा लेती हैं। खेतिहर समुदाय में मछली पालक इसे सस्ते दाम में तैयार कर लागत बचा सकते हैं।

मुर्गियों की सेहत और उत्पादन में कमाल

पोल्ट्री फार्मिंग में सोयाबीन और फिशमील की जगह BSF लार्वा का इस्तेमाल मुर्गियों की ग्रोथ, अंडे उत्पादन, और फीड लागत को कम करने में मदद करता है। शोध बताते हैं कि 5-20% BSF लार्वा को आहार में शामिल करने से मुर्गियों का वजन बढ़ता है, अंडों की क्वालिटी सुधरती है, और FCR बेहतर होता है। लार्वा में मौजूद कैल्शियम मुर्गियों के अंडों की मजबूती बढ़ाता है, जबकि प्रोटीन उनके पंखों और मांसपेशियों को मजबूत करता है। बरसात में, जब पारंपरिक आहार गीला होने से खराब हो सकता है, सूखे या पाउडर फॉर्म में BSF लार्वा आसानी से स्टोर किए जा सकते हैं। ये लार्वा मुर्गियों को कीटों और रोगों से लड़ने की ताकत भी देते हैं, जिससे दवाइयों का खर्च कम होता है।

ये भी पढ़ें – दिल के मरीजों के लिए खुशखबरी, अब खाएं अंडा बिना डर के, CARI ने तैयार किया हर्बल अंडा

पर्यावरण का दोस्त, लागत का हल

BSF लार्वा न सिर्फ पौष्टिक हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद हैं। ये किचन वेस्ट, सब्जियों के छिलके, और पोल्ट्री मैन्योर जैसे जैविक कचरे को खाकर बायोमास में बदल देते हैं। इससे कचरे का ढेर कम होता है और मिट्टी के लिए जैविक खाद (फ्रास) मिलती है। 1.5 किलो जैविक कचरे से 1 किलो BSF लार्वा तैयार हो सकता है, जो पोल्ट्री फीड (2.2 किलो फीड प्रति किलो मांस) से कहीं ज्यादा कुशल है। ये प्रक्रिया कार्बन उत्सर्जन को कम करती है और सर्कुलर इकॉनमी को बढ़ावा देती है। किसान बस्तियों में छोटे स्तर पर BSF फार्मिंग शुरू कर लागत बचा सकते हैं और अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं।

BSF लार्वा की खेती का आसान तरीका

BSF लार्वा की खेती शुरू करना आसान और सस्ता है। इसके लिए 25-30 डिग्री सेल्सियस तापमान और नमी वाला माहौल चाहिए, जो मॉनसून में आसानी से मिल जाता है। प्लास्टिक या लकड़ी के डिब्बे में किचन वेस्ट, फल-सब्जी के छिलके, या पोल्ट्री मैन्योर डालें। BSF की मादा 1000-1500 अंडे देती है, जो 14 दिन में लार्वा बन जाते हैं। लार्वा को जैविक कचरे पर पालें और 2 हफ्ते में कटाई करें। इन्हें सुखाकर, पाउडर बनाकर, या ताजा आहार के रूप में इस्तेमाल करें। खेतिहर समुदाय में इसे शुरू करने के लिए नजदीकी कृषि केंद्र से बीज (अंडे) और सलाह लें। सरकारी योजनाएँ, जैसे राष्ट्रीय बागवानी मिशन, उपकरणों पर सब्सिडी दे सकती हैं।

लागत और लाभ का हिसाब

BSF लार्वा की खेती से मछली पालक और पोल्ट्री किसान अपनी फीड लागत 50% तक कम कर सकते हैं। 10-15 हजार रुपये की छोटी लागत से शुरू कर 1-2 लाख रुपये प्रति साल की कमाई संभव है। e-NAM जैसे प्लेटफॉर्म पर BSF लार्वा या इसके पाउडर की बिक्री कर अतिरिक्त मुनाफा कमाएँ। ये लार्वा न सिर्फ मछली और मुर्गी की सेहत बढ़ाते हैं, बल्कि पर्यावरण को भी बचाते हैं। इस मॉनसून में BSF लार्वा की खेती शुरू करें और अपनी मेहनत का पूरा दाम पाएँ!

ये भी पढ़ें- मछलियों को तेजी से बढ़ाना है तो उन्हें,गोबर के घोल के साथ दीजिए ये चमत्कारी आहार

इस लिंक पर विडिओ देखें – https://youtube.com/shorts/cBURXzfyzjk?si=2u9JJ8RLP1pNEnU-

Author

  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

    View all posts

Leave a Comment