उत्तर प्रदेश के पशुपालकों के लिए अब अपने पशुओं के इलाज के लिए दूर-दूर तक भटकने की जरूरत नहीं। उत्तर प्रदेश सरकार ने पशुपालकों की परेशानियों को समझते हुए मोबाइल वेटरनरी सेवा शुरू की है। इस योजना के तहत आप सिर्फ 2 से 10 रुपये में अपने गाय, भैंस या अन्य पशुओं का इलाज घर बैठे करा सकते हैं। खास बात यह है कि इलाज के साथ-साथ दवाएँ भी मुफ्त मिलेंगी। यह सेवा खासकर गाँवों में रहने वाले पशुपालकों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। आइए जानते हैं कि यह योजना कैसे काम करती है और इसका फायदा कैसे उठाया जा सकता है।
टोल फ्री नंबर से तुरंत मदद
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा है इसका टोल फ्री नंबर 1962। इस नंबर पर कॉल करने पर प्रशिक्षित पशु चिकित्सकों की टीम मोबाइल वेटरनरी वैन के साथ आपके घर पहुँचती है। यह सेवा सुबह 10 बजे से शाम 8 बजे तक उपलब्ध रहती है। चाहे आपके पशु को बुखार हो, चोट लगी हो, या कोई और स्वास्थ्य समस्या हो, चिकित्सक पूरी जांच और इलाज के लिए तैयार रहते हैं। यह सुविधा उन पशुपालकों के लिए बेहद उपयोगी है, जिनके गाँव में पशु चिकित्सालय दूर हैं।
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इलाज के साथ मुफ्त दवाएँ
मोबाइल वेटरनरी वैन की खासियत है कि यह न सिर्फ इलाज की सुविधा देती है, बल्कि जरूरी दवाएँ भी साथ लाती है। आपको बाजार में दवा खरीदने के लिए अतिरिक्त खर्च या भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। लखनऊ के एक पशु चिकित्सक ने बताया कि इस योजना को पशुपालकों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। कम लागत में इलाज और दवाएँ उपलब्ध कराकर यह योजना पशुओं की सेहत के साथ-साथ पशुपालकों की जेब का भी ख्याल रखती है।
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बड़ी राहत
उत्तर प्रदेश के गाँवों में अक्सर पशु चिकित्सालयों की कमी रहती है। ऐसे में बीमार पशुओं को शहर ले जाना पशुपालकों के लिए समय और पैसे की बर्बादी का कारण बनता है। मोबाइल वेटरनरी सेवा इस समस्या का आसान समाधान है। यह योजना गाय, भैंस, बकरी जैसे सभी तरह के पशुओं के इलाज के लिए उपलब्ध है। चाहे सामान्य बीमारी हो या नियमित टीकाकरण, यह वैन हर तरह की चिकित्सा सुविधा देती है। ग्रामीण पशुपालकों के लिए यह सेवा किसी वरदान से कम नहीं।
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योजना का लाभ लेना है आसान
इस योजना का फायदा उठाना बेहद सरल है। आपको सिर्फ अपने फोन से टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल करना है। कॉल करने का समय सुबह 10 बजे से शाम 8 बजे तक है। कॉल करने पर आपकी जानकारी दर्ज की जाएगी, और नजदीकी मोबाइल वेटरनरी वैन आपके घर भेजी जाएगी। इलाज का खर्च सिर्फ 2 से 10 रुपये है, और दवाएँ भी वैन के जरिए मुफ्त दी जाती हैं। यह योजना पशुपालकों को आर्थिक बोझ से बचाने और उनके पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने के लिए शुरू की गई है।
पशुपालन को बनाएँ और मजबूत
पशुपालन उत्तर प्रदेश के गाँवों में आजीविका का बड़ा स्रोत है। मोबाइल वेटरनरी सेवा न सिर्फ पशुओं को स्वस्थ रखने में मदद करती है, बल्कि दूध, मांस और अन्य पशु उत्पादों की पैदावार बढ़ाने में भी योगदान देती है। कम खर्च में बेहतर इलाज की सुविधा से पशुपालक अपनी मेहनत और समय बचा सकते हैं। अगर आप भी पशुपालन करते हैं, तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएँ। अपने पशुओं की सेहत का ख्याल रखें और अपनी कमाई को और बढ़ाएँ। आज ही टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल करें और इस सुविधा को अपने गाँव तक लाएँ।
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