Yoddha Hybrid Bajra: आज के समय में खेती करना आसान काम नहीं रहा। जलवायु में बदलाव, मिट्टी की गुणवत्ता में गिरावट, और कीट-रोगों का बढ़ता प्रकोप खेतिहर समुदाय के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं। लेकिन अगर फसल की सही किस्म हो, तो ये मुश्किलें आसान हो सकती हैं। ऐसा ही एक शानदार विकल्प है योद्धा हाइब्रिड बाजरा, जिसे शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स ने विकसित किया है। यह किस्म न सिर्फ अधिक उपज देती है, बल्कि कठिन मौसम और कम पानी की स्थिति में भी कमाल का प्रदर्शन करती है।
योद्धा हाइब्रिड बाजरा, प्रकृति का योद्धा
योद्धा हाइब्रिड बाजरा की सबसे बड़ी ताकत इसकी मजबूती और उत्पादकता है। इसकी ऊंचाई 285-290 सेंटीमीटर तक होती है, जो आम बाजरा किस्मों से कहीं ज्यादा है। इसके पौधे में 8-10 उत्पादक कल्ले निकलते हैं, जिससे एक ही पौधे से भरपूर अनाज मिलता है। पुष्पावस्था मात्र 52-55 दिनों में पूरी हो जाती है, और फसल 82-87 दिनों में परिपक्व हो जाती है यानी कम समय में ज्यादा फायदा। इसका तना मोटा और मजबूत होता है, जो बारिश या तेज हवा में भी पौधे को गिरने से बचाता है। इसकी खासियत है कि यह कम पानी में भी अच्छी पैदावार देता है, जो सूखे प्रभावित क्षेत्रों के लिए वरदान है।
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खेती की राह, देसी और आसान तरीका
योद्धा हाइब्रिड बाजरा की खेती मॉनसून के लिए बिल्कुल सही है। जून के आखिरी हफ्ते या जुलाई की शुरुआत में बुवाई करें, जब बारिश शुरू हो जाए। इसके लिए हल्की दोमट या रेतीली मिट्टी चुनें, जहाँ पानी का निकास अच्छा हो। खेत की 2-3 बार गहरी जुताई करें और प्रति हेक्टेयर 10-15 टन गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट मिलाएँ। बीजों को 2-3 सेंटीमीटर गहराई में और 45-60 सेंटीमीटर की दूरी पर बोएँ। बीजों को बुवाई से पहले 2 ग्राम थीरम या 5 लीटर गोमूत्र प्रति किलो से उपचारित करें, ताकि बीमारी से बचाव हो। मॉनसून में बारिश से नमी बनी रहती है, लेकिन खेत में पानी जमा न होने दें—इसके लिए मेड़ बनाएँ।
20-25 दिन बाद हल्की निराई-गुड़ाई करें और पौधों को सहारा दें, ताकि वे सीधे खड़े रहें। कीटों से बचाव के लिए नीम का तेल (5 मिली प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करें। इस किस्म को सिंचाई की ज्यादा जरूरत नहीं, लेकिन अगर बारिश कम हो, तो 10-15 दिन में हल्की सिंचाई करें। फसल 82-87 दिनों में तैयार हो जाती है। कटाई के बाद अनाज को धूप में सुखाएँ और भंडारण के लिए तैयार करें।
मिट्टी और मौसम का साथी
योद्धा हाइब्रिड बाजरा (Yoddha Hybrid Bajra) मिट्टी की सेहत के लिए भी फायदेमंद है। यह कम उर्वरक माँगता है और मिट्टी में नमी बनाए रखने में मदद करता है। इसकी जड़ें मिट्टी को ढीला करती हैं, जो अन्य फसलों के लिए आधार तैयार करती है। कम पानी की जरूरत इसे सूखे और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों के लिए आदर्श बनाती है। मॉनसून में बारिश का फायदा उठाकर इसकी खेती से पानी की बचत भी होती है। इसके अलावा, यह डाउनी मिल्ड्यू जैसे रोगों से लड़ने की क्षमता रखता है, जो खेती को सुरक्षित रखता है। ये गुण इसे खेतिहर समुदाय के लिए टिकाऊ विकल्प बनाते हैं।
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मुनाफे का रास्ता, देसी टिप्स और सहायता
योद्धा हाइब्रिड बाजरा की खेती से प्रति हेक्टेयर 25-30 क्विंटल तक पैदावार संभव है, जो बाजार में 2,000-2,500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से अच्छी कमाई देती है। एक एकड़ में 50-75 हजार रुपये तक का मुनाफा मिल सकता है, अगर सही देखभाल हो। लागत 10-15 हजार रुपये प्रति एकड़ है, जो इसे किफायती बनाता है। मॉनसून में बारिश का फायदा उठाएँ और खरपतवार को समय-समय पर हटाएँ। कीटों से बचाव के लिए गोमूत्र (10 लीटर प्रति एकड़) का छिड़काव करें। सरकार की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के तहत बीज और उर्वरक पर सब्सिडी मिलती है। नजदीकी कृषि केंद्र से संपर्क करें और मिट्टी परीक्षण करवाएँ।
आत्मनिर्भरता की नई शुरुआत
योद्धा हाइब्रिड बाजरा न सिर्फ पैदावार बढ़ाता है, बल्कि किसानों को जलवायु परिवर्तन की चुनौती से लड़ने में मदद करता है। इसकी कम पानी और कम लागत वाली खेती से ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता आएगी। बाजरा का उपयोग अनाज, चारा, और फ्लोर के लिए हो रहा है, जिससे मांग बढ़ रही है। ऑनलाइन मंडियों या किसान उत्पादक संगठन (FPO) से जुड़कर सीधे बिक्री करें और मुनाफा बढ़ाएँ।
योद्धा हाइब्रिड बाजरा खेती की मुश्किलों को कम करने वाला सच्चा साथी है। देसी मेहनत, सही तकनीक, और सरकारी सहायता से आप इस मौके को सोने का अंडा देने वाली मुर्गी बना सकते हैं। इस जून-जुलाई 2025 में इस किस्म को अपनाएँ और अपनी फसल को नई ऊँचाइयों पर ले जाएँ!
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