UP News: जैविक खेती की नई लहर अब खेतों को हरा-भरा कर रही है। सरकार रसायनमुक्त खेती को बढ़ावा देने के लिए एक से बढ़कर एक योजनाएँ चला रही है, और अब किसानों के लिए वर्मी कंपोस्ट यूनिट बनाने का सुनहरा मौका आया है। सरकार ने इस यूनिट की स्थापना के लिए 1 लाख रुपये की कुल लागत पर 50 प्रतिशत यानी 50,000 रुपये की सब्सिडी देने का ऐलान किया है। ये योजना मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने और रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करने की दिशा में बड़ा कदम है। उद्यान विभाग ने इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू कर दिए हैं, ताकि किसान आसानी से इसका लाभ उठा सकें।
लगातार रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता कम हो रही है, और फसलों की गुणवत्ता पर भी असर पड़ रहा है। इसे देखते हुए सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं। इनमें सब्जियों और अन्य फसलों की जैविक खेती के लिए अनुदान शामिल है। वर्मी कंपोस्ट यूनिट इस दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। ये यूनिट जैविक खाद तैयार करने में मदद करती है, जिससे मिट्टी की सेहत सुधरती है और फसलें रसायनमुक्त होकर ज़्यादा पौष्टिक बनती हैं। उद्यान विभाग के मुताबिक, इस योजना से किसानों को न सिर्फ मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में मदद मिलेगी, बल्कि बाज़ार में उनकी फसलों की कीमत भी बेहतर होगी।
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50,000 रुपये की सब्सिडी का लाभ
उद्यान विभाग की इस योजना के तहत वर्मी कंपोस्ट यूनिट की कुल लागत 1 लाख रुपये तय की गई है। इसमें से 50,000 रुपये की सब्सिडी सरकार देगी, यानी किसानों को सिर्फ आधी रकम खर्च करनी होगी। जिला उद्यान अधिकारी ममता सिंह यादव ने बताया कि इस योजना का मकसद किसानों को जैविक उर्वरकों के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करना है। वर्मी कंपोस्ट यूनिट से तैयार खाद फसलों को पोषण देती है और रासायनिक उर्वरकों की ज़रूरत को खत्म करती है। ये यूनिट छोटे और बड़े दोनों तरह के किसानों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि इसे लगाने में मेहनत कम और मुनाफा ज़्यादा है।
ऑनलाइन आवेदन
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को उद्यान विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा। आवेदन की प्रक्रिया को आसान रखा गया है, और प्रथम आगमन, प्रथम सेवा (पहले आओ, पहले पाओ) के आधार पर चयन होगा। किसानों को अपने खेत और ज़रूरतों के हिसाब से यूनिट की डिज़ाइन और स्थापना के लिए विभाग से पूरी मदद मिलेगी। आवेदन के लिए नज़दीकी उद्यान विभाग कार्यालय या कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क किया जा सकता है। योजना के तहत चयनित किसानों को सब्सिडी सीधे उनके खाते में दी जाएगी, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
ये योजना न सिर्फ मिट्टी की सेहत को सुधार रही है, बल्कि किसानों की जेब भी भर रही है। जैविक फसलों की माँग बाज़ार में तेजी से बढ़ रही है, और वर्मी कंपोस्ट यूनिट इस माँग को पूरा करने का शानदार तरीका है। उद्यान विभाग की इस पहल से किसान रसायनमुक्त खेती की ओर बढ़ रहे हैं, और उनकी फसलें सेहतमंद खाना बनकर थाली तक पहुँच रही हैं। तो देर न करें, उद्यान विभाग के पोर्टल पर आज ही आवेदन करें और जैविक खेती से अपने खेत को मुनाफे का खजाना बनाएँ!
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