50% सब्सिडी में ट्रैक्टर और स्प्रे पंप, सतना-मैहर के किसान उठा रहे बड़ा फायदा

मानसून का मौसम बागवानी फसलों के लिए अवसरों और चुनौतियों का समय है। बारिश फल, सब्जियों, और फूलों की खेती को बढ़ावा देती है, लेकिन जलभराव और कीटों से नुकसान का खतरा भी रहता है। ऐसे में मध्य प्रदेश उद्यानिकी विभाग ने बागवानी यंत्रीकरण योजना शुरू की है, जिसके तहत छोटे ट्रैक्टर, पावर टिलर, और पावर स्प्रे पंप जैसे आधुनिक यंत्रों पर 40-50% सब्सिडी दी जा रही है।

यह योजना बागवानी किसानों को कम लागत में बेहतर उत्पादन और मुनाफा बढ़ाने का सुनहरा मौका दे रही है। सतना, मैहर, और रीवा जैसे जिलों में इस योजना का लाभ उठाकर कई किसानों ने अपनी खेती को आसान और लाभकारी बनाया है। आइए जानते हैं इस योजना की खासियत, पंजीकरण प्रक्रिया, और आवश्यक दस्तावेज़।

छोटे ट्रैक्टरों पर सब्सिडी

मध्य प्रदेश उद्यानिकी विभाग छोटे ट्रैक्टरों (20 PTO HP तक) पर विशेष अनुदान दे रहा है। इन ट्रैक्टरों की अनुमानित लागत 3 लाख रुपये है। सामान्य और पिछड़ा वर्ग के किसानों को 40% सब्सिडी (लगभग 1.2 लाख रुपये) और SC-ST व लघु-सीमांत किसानों को 50% सब्सिडी (लगभग 1.5 लाख रुपये) मिल रही है। ये ट्रैक्टर बागवानी कार्यों जैसे जुताई, बुवाई, और परिवहन में मदद करते हैं। मानसून में नम मिट्टी की जुताई के लिए ये छोटे ट्रैक्टर खासे उपयोगी हैं, क्योंकि इनका वजन कम होता है और मिट्टी को नुकसान नहीं पहुँचता। मध्य प्रदेश में बागवानी फसलों का क्षेत्र 8 लाख हेक्टेयर से अधिक है, और ये ट्रैक्टर सब्जी और फूलों की खेती को और आसान बना रहे हैं।

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पावर टिलर और स्प्रे पंप पर अनुदान

योजना के तहत 20 HP से कम के पावर टिलर पर भी सब्सिडी दी जा रही है। इनकी अनुमानित लागत 30,000 रुपये है, जिसमें सामान्य और पिछड़ा वर्ग को 40% (12,000 रुपये) और SC-ST व लघु-सीमांत किसानों को 50% (15,000 रुपये) सब्सिडी मिलती है। पावर टिलर छोटे खेतों में जुताई और खरपतवार नियंत्रण के लिए आदर्श हैं, खासकर मानसून में जब बड़े यंत्रों का उपयोग मुश्किल होता है। इसके अलावा, 16 लीटर क्षमता के पावर स्प्रे पंप, जिनकी लागत 20,000 रुपये है, पर भी 40-50% सब्सिडी उपलब्ध है। ये पंप फलों और सब्जियों पर कीटनाशक और पोषक तत्वों के छिड़काव में मदद करते हैं, जिससे फसल को बारिश में होने वाले रोगों से बचाया जा सकता है।

पंजीकरण प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज़

इस सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए किसान MPFSTS (मध्य प्रदेश फार्मर सर्विसेज एंड टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस) पोर्टल (https://dbt.mpdage.org) या नजदीकी एमपी ऑनलाइन सेंटर के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं। इसके अलावा, स्थानीय उद्यानिकी विभाग कार्यालय में ऑफलाइन आवेदन भी जमा किए जा सकते हैं। पंजीकरण के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक, वोटर आईडी, जाति प्रमाण पत्र (SC/ST के लिए), निवास प्रमाण पत्र, जमीन के दस्तावेज़ (खसरा/खतौनी), पासपोर्ट साइज़ फोटो, मोबाइल नंबर, और हस्ताक्षर की आवश्यकता होगी।

आवेदन के बाद विभागीय अधिकारी 7 दिनों के भीतर यंत्र और दस्तावेज़ों की भौतिक जाँच करते हैं। सब्सिडी राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से सीधे किसान के बैंक खाते में जमा की जाती है। किसानों को सलाह दी जाती है कि यंत्रों की खरीद बैंक ड्राफ्ट, चेक, या ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से करें, क्योंकि नकद भुगतान स्वीकार नहीं होगा।

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  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं krishitak.com पर लेखक हूं, जहां मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाओं पर केंद्रित आर्टिकल लिखता हूं। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ, मैं पाठकों को लेटेस्ट और उपयोगी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं।

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