Dragon Fruit Vikas Yojana: आजकल किसान भाई पुराने तौर-तरीकों को छोड़कर नई और फायदेमंद फसलों की ओर रुख कर रहे हैं। गेहूँ-धान की खेती के साथ-साथ अब वो ऐसे फल उगा रहे हैं, जो पहले सिर्फ ठंडे इलाकों में ही देखे जाते थे। ऐसा ही एक फल है ड्रैगन फ्रूट, जिसे अब बिहार के मैदानी खेतों में भी उगाया जा रहा है। इसकी बढ़ती माँग को देखते हुए बिहार सरकार ने किसानों के लिए ड्रैगन फ्रूट विकास योजना शुरू की है। इस योजना में सरकार 40 फीसदी सब्सिडी दे रही है, ताकि किसान कम खर्च में ज्यादा मुनाफा कमा सकें।
आइए, इस योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं और समझते हैं कि आप इसका फायदा कैसे उठा सकते हैं।
ड्रैगन फ्रूट विकास योजना (Dragon Fruit Vikas Yojana) क्या है?
बिहार सरकार ने अपने चौथे कृषि रोड मैप के तहत ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने का फैसला किया है। इस फल की मार्केट में अच्छी कीमत मिलती है, और ये कम पानी में भी उग जाता है। मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के तहत शुरू की गई ड्रैगन फ्रूट विकास योजना का मकसद है किसानों की आमदनी बढ़ाना और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करना। इस योजना के तहत सरकार ने राज्य के 21 जिलों को चुना है, जहाँ की मिट्टी और मौसम ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए मुफीद है। इन जिलों में भागलपुर, गया, कटिहार, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, पटना, नालंदा, और वैशाली जैसे जिले शामिल हैं।
कितनी मिलेगी सब्सिडी?
ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू करने में करीब 7.5 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर का खर्च आता है। इसमें पौधे, खंभे, और दूसरी जरूरी चीजों का खर्च शामिल है। बिहार सरकार इस लागत का 40 फीसदी यानी 3 लाख रुपये की सब्सिडी दे रही है। ये रकम तीन साल में तीन किस्तों में दी जाएगी:
पहले साल 60 फीसदी सब्सिडी, यानी 1 लाख 80 हजार रुपये।
दूसरे साल 20 फीसदी, यानी 60 हजार रुपये।
तीसरे साल भी 20 फीसदी, यानी 60 हजार रुपये।
लेकिन ध्यान रहे, दूसरी और तीसरी किस्त तभी मिलेगी, जब आपके खेत में 75-90 फीसदी पौधे जिंदा हों। सरकार ने ये शर्त इसलिए रखी है, ताकि किसान फसल की अच्छे से देखभाल करें। आपको पौधे और दूसरी सामग्री खुद खरीदनी होगी, लेकिन सब्सिडी की रकम सीधे आपके बैंक खाते में आएगी।
ड्रैगन फ्रूट की खेती के फायदे
ड्रैगन फ्रूट, जिसे पिताया या कमलम भी कहते हैं, दिखने में जितना सुंदर है, उतना ही फायदेमंद भी। इसका गूदा रसदार और हल्का मीठा होता है, और ये विटामिन सी, बी, कैल्शियम और फाइबर से भरपूर है। मार्केट में इसकी कीमत 100 से 400 रुपये प्रति किलो तक होती है। एक पौधा 15-20 साल तक फल देता है, यानी एक बार खेती शुरू की, तो सालों तक कमाई होती रहेगी। ये फल सूखा सहन कर सकता है, इसलिए बिहार के उन इलाकों में भी उगाया जा सकता है, जहाँ पानी की कमी है। कटिहार, पूर्णिया और किशनगंज जैसे जिलों में पहले से ही ड्रैगन फ्रूट की खेती हो रही है, और किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
कौन उठा सकता है फायदा?
इस योजना का लाभ बिहार के उन किसानों को मिलेगा, जिनके पास अपनी जमीन है या वो किराए की जमीन पर खेती करते हैं। कम से कम 0.1 हेक्टेयर (लगभग 0.25 एकड़) और ज्यादा से ज्यादा 4 हेक्टेयर (10 एकड़) जमीन पर खेती करने वाले किसान आवेदन कर सकते हैं। सरकार ने ये भी सुनिश्चित किया है कि 78.56% लाभार्थी सामान्य वर्ग से, 20% अनुसूचित जाति, 1.44% अनुसूचित जनजाति और 30% महिलाएँ हों। यानी, हर वर्ग के किसानों को मौका मिलेगा।
आवेदन कैसे करें?
ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू करने और सब्सिडी का लाभ लेने के लिए आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें:
बिहार उद्यानिकी विभाग की वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर जाएँ।
वहाँ ड्रैगन फ्रूट विकास योजना या मुख्यमंत्री बागवानी मिशन का ऑप्शन चुनें।
अपने डीबीटी रजिस्ट्रेशन नंबर (किसान रजिस्ट्रेशन नंबर) से लॉगिन करें। अगर आपके पास ये नंबर नहीं है, तो पहले dbtagriculture.bihar.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करें।
फॉर्म में अपनी जानकारी, जमीन का ब्यौरा, और बैंक डिटेल्स भरें।
जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, जमीन के कागजात, और बैंक पासबुक अपलोड करें।
फॉर्म सबमिट करें और एप्लीकेशन नंबर नोट कर लें।
आवेदन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर स्वीकार किए जाएँगे, इसलिए जल्दी करें। अगर आपको ऑनलाइन आवेदन में दिक्कत हो, तो अपने जिले के सहायक निदेशक (उद्यान) या ब्लॉक उद्यान अधिकारी से संपर्क करें। वो आपको योजना, सब्सिडी, और खेती की पूरी जानकारी देंगे।
अब क्या करें?
ड्रैगन फ्रूट की खेती बिहार के किसानों के लिए सुनहरा मौका है। ये न सिर्फ आपकी आमदनी बढ़ाएगा, बल्कि आपके खेतों को भी नया रंग देगा। सरकार की 3 लाख रुपये की सब्सिडी और कम पानी की जरूरत इस खेती को और आसान बनाती है। तो देर न करें, आज ही अपनी नजदीकी उद्यान कार्यालय से संपर्क करें या ऑनलाइन आवेदन करें। इस योजना के साथ आप भी ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू कर सकते हैं और सालों तक मुनाफा कमा सकते हैं।
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