64 लाख किसानों की किस्मत बदली, यूपी का नया सिंचाई मॉडल बना आय बढ़ाने का हथियार

उत्तर प्रदेश में खेती को नया जीवन देने के लिए योगी सरकार की सिंचाई योजनाएं किसानों के लिए वरदान बन रही हैं। पिछले आठ सालों में 1,129 सिंचाई परियोजनाओं ने 50 लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन को पानी की सुविधा से जोड़ा है, जिससे 2 करोड़ से अधिक किसानों की जिंदगी बदल गई है। अकेले पिछले एक साल में 394 नई परियोजनाओं ने 64 लाख किसानों को सीधा फायदा पहुंचाया है। सरयू नहर, बाणसागर और अर्जुन सहायक जैसी बड़ी परियोजनाओं ने यूपी के खेतों को लहलहा दिया है। योगी सरकार का मिशन है कि हर खेत तक पानी पहुंचे और किसानों की आय दोगुनी हो।

पानी की किल्लत अब बीते दिनों की बात

पहले यूपी के कई इलाकों में पानी की कमी के कारण किसान खेती में परेशान रहते थे। बस्ती, गोरखपुर और बलरामपुर जैसे जिलों में बारिश पर निर्भरता के कारण फसलें सूख जाती थीं। लेकिन योगी सरकार ने इस समस्या को जड़ से खत्म करने का बीड़ा उठाया। सरयू नहर परियोजना ने पूर्वांचल के लाखों खेतों को पानी दिया, तो बाणसागर और अर्जुन सहायक परियोजनाओं ने बुंदेलखंड और मध्य यूपी में खेती को नया जीवन दिया। अब किसान सालभर फसल उगा रहे हैं, जिससे उनकी आमदनी में भारी इजाफा हुआ है।

एक साल में 394 परियोजनाओं का कमाल

पिछले एक साल में यूपी सरकार ने 394 सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करके इतिहास रचा है। इन परियोजनाओं ने 64 लाख किसानों को सीधे फायदा पहुंचाया है। रोहिन नदी पर महराजगंज में बना नया बैराज 15,000 से ज्यादा किसानों के लिए वरदान बना है, जिससे 5,400 हेक्टेयर जमीन को पानी मिल रहा है। मध्य गंगा नहर परियोजना का दूसरा चरण और कन्हार सिंचाई परियोजना जैसे बड़े प्रोजेक्ट जल्द पूरे होने वाले हैं, जो 7 लाख और किसानों को लाभ देंगे। इन परियोजनाओं से न सिर्फ खेती आसान हुई, बल्कि मछली पालन और पशुपालन जैसे कामों को भी बढ़ावा मिला है।

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आधुनिक तकनीक से खेती में क्रांति

योगी सरकार ने माइक्रो इरिगेशन, ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम को बढ़ावा देकर पानी की बर्बादी रोकी है। सहारनपुर और शमली जैसे जिलों में, जहां भूजल स्तर गिर रहा था, ‘पेर ड्रॉप मोर क्रॉप’ योजना के तहत 4 लाख से ज्यादा किसानों ने माइक्रो इरिगेशन अपनाया। इससे पानी की 30-40% बचत हो रही है और फसल की पैदावार बढ़ रही है। लेजर लैंड लेवलर जैसी तकनीकों के लिए सरकार 2 लाख रुपये तक का अनुदान दे रही है, जिससे खेत को समतल करके पानी का सही इस्तेमाल हो रहा है।

पीएम किसान और सोलर पंप का साथ

केंद्र सरकार की योजनाओं को यूपी में लागू करने में योगी सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी। पीएम किसान सम्मान निधि से लाखों किसानों को आर्थिक मदद मिल रही है, तो पीएम कुसुम योजना के तहत 1,100 सोलर पंप लगाए गए हैं। इन पंपों पर 60% तक सब्सिडी दी जा रही है, जिससे किसान बिजली और डीजल की चिंता से मुक्त हो गए हैं। फ्री बोरिंग योजना ने छोटे और सीमांत किसानों को मुफ्त बोरवेल की सुविधा दी, जिससे उनकी खेती की लागत कम हुई है।

भविष्य की योजनाएं, और बड़ा लक्ष्य

योगी सरकार का लक्ष्य है कि यूपी का हर खेत सिंचाई से जुड़े। इसके लिए भूजल संरक्षण और रिचार्जिंग पर जोर दिया जा रहा है। 8,500 नए तालाब बनाए जा रहे हैं, जो बारिश का पानी जमा करके खेती और पशुपालन में मदद करेंगे। मध्य गंगा और कन्हार जैसी परियोजनाओं के अगले चरण से 5 लाख हेक्टेयर और जमीन को पानी मिलेगा। विश्व बैंक के सहयोग से यूपी में डिजिटल तकनीक और जलवायु अनुकूल खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे 10 लाख किसानों को फायदा होगा। सरकार का मकसद है कि 2030 तक यूपी की हर कृषि भूमि को सिंचाई सुविधा मिले।

किसानों की आय हुई दोगुनी

इन सिंचाई परियोजनाओं ने यूपी के 2 करोड़ से ज्यादा किसानों की आय में बढ़ोतरी की है। धान, गन्ना, मक्का और दालों की पैदावार बढ़ने से किसान अब साल में दो-तीन फसलें उगा रहे हैं। मछली पालन और पशुपालन जैसे अतिरिक्त कामों से भी उनकी कमाई बढ़ी है। योगी सरकार की इन कोशिशों ने यूपी को कृषि के क्षेत्र में एक मॉडल राज्य बना दिया है।

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  • Shashikant

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